विंध्य और ग्वालियर-चंबल की उपेक्षा का आरोप लग रहा था। इस सूची में यहां के नेताओं को भी मौका दिया गया है। पूर्व विधायक नीटू सिकरवार नाराज थे। चंबल की उपेक्षा का आरोप लगाया था। इन्हें राजनीतिक मामलों की समिति में शामिल किया गया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी सवाल खड़े किए थे। विंध्य के लोगों को मौका दिया गया है। वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह को भी उत समिति में शामिल किया है। समर्थकों को अन्य समितियों में जगह दी है। राज्यसभा सदस्य अशोक सिंह कोषाध्यक्ष रहेंगे। मौजूदा समय में भी वो ही इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं।
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सचिव में भोपाल के तीन नाम
84 सचिवों में भोपाल से राजकुमार सिंह, गुड्डू चौहान एवं मोनू सक्सेना शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में बुदनी से शिवराज के मुकाबले चुनाव लड़ने वाले विक्रम मस्ताल को सचिव बनाया है। दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी सचिव बनाए गए हैं। कुछ उन नेताओं को भी शामिल किया गया है जो चुनाव हार गए थे। पूर्व विधायक भी इसमें शामिल हैं।राजनीतिक मामलों की समिति
इसमें 25 नेता हैं। इनमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेन्द्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, अरुण यादव, विवेक तन्खा अशोक सिंह, मीनाक्षी नटराजन, कमलेश्वर पटेल, ओंकार सिंह मरकाम, फूल सिंह बरैया, सज्जन सिंह वर्मा, गोविंद सिंह, एनपी प्रजापति, नकुलनाथ, बाला बच्चन, डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, शोभा ओझा, आरिफ मसूद, तरुण भनोत, प्रवीण पाठक, सत्यपाल सिंह सिकरवार शामिल हैं। यह भी पढ़ें- जमीन की इतनी गहराई में दौड़ेगी इंदौर मेट्रो, अहमदाबाद से लिया गया कॉन्सेप्ट