प्रशासन का यह भी कहना है कि मप्र वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन जहां गोदाम बताएगा, वहीं गेहूं रखा जाएगा। दरअसल इस साल मार्च से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी चल रही है। अब तक 1.82 लाख मीट्रिक टन गेहूं जिले में खरीदा जा चुका है। 20 मई तक गेहूं की खरीदी चलेगी तब तक अनुमानित 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि जिले में गेहूं का परिवहन करने पर 50/55 रुपए प्रति क्विंटल का खर्च आ रहा है, जबकि जिले से बाहर गेहूं भेजने पर 70/75 रुपए प्रति क्विंटल का खर्च आएगा। इससे ढाई से तीन करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।
यह सही है कि जिले से बाहर गेहूं भेजने पर खर्चा ज्यादा आएगा, लेकिन इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
विकास नरवाल, प्रबंध संचालक, मप्र सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन
कटनी गेहूं घोटाले में रिपोर्ट का इंतजार
भोपाल। गरीबों के राशन का गेहूं खुले बाजार में बेचने के मामले में मप्र सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन को कलेक्टर की रिपोर्ट का इंतजार है। कटनी में पीडीएस में बंटने वाले 123 क्विंटल गेहूं को ठेकेदार खुले बाजार में बेचने की तैयारी में था। इस मामले की जानकारी कटनी कलेक्टर को दी गई। कलेक्टर ने खाद्य विभाग की टीम को मौके पर भेजा। बताया गया कि जिस वाहन में पीडीएस का गेहूं भरा था, उसे दूसरे वाहन में पल्टी किया जा रहा था। इस मामले में मप्र सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक विवेक नरवाल ने बताया कि फिलहाल कलेक्टर की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।