चाहते तो मुश्किलों से डरकर धर्म बदलकर रह सकते थे, पर ऐसा नहीं किया। मप्र सरकार ऐसे परिवारों का स्वागत करेगी। मदद करेगी। समीर और संजना के पिता पाकिस्तान में रह रहे थे। 2012 में भारत आए। मई में सीएए के तहत आवेदन किया। राखी ने भी नागरिकता मांगी थी।
पहले की सरकार ने नहीं की चिंता
सीएम ने कहा, 1947 के पहले तत्कालीन सरकार ने कहा था हम देश में अल्पसंख्यकों की चिंता करेंगे। इस भरोसे से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी भारत के पूर्व हिस्से बांग्लादेश, पाकिस्तान व अफगानिस्तान में रह गए थे। बाद में उन्हें भारत आने से मना कर दिया। पीएम मोदी ने नागरिकता संबंधी कठिनाई दूर अखंड भारत की याद दिलाई।लालघाटी के मेलवानी परिवार में खुशिया
लालघाटी के ओम शिव नगर की समीर मेलवानी और संजना मेलवानी को भारत की नागरिकता मिलने पर परिवार में खुशियां छाई हुई हैं। परिवारजनों ने कहा-नागरिकता के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। अब सपना पूरा हुआ। संजना और समीर ने कहा- अब हम भी पढ़ाई के लिए बाहर जा सकेंगे, साथ ही भारत के नागरिक कहलाएंगे। संजना ने इसी वर्ष 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। जबकि, समीर 9 वीं क्लास का स्टूडेंट है।ये भी पढ़ें: मोहन सरकार का बड़ा ऐलान, अंत्येष्टि के लिए मिलेंगे 10 हजार रुपए, टोल-नाकों पर मिलेगी छूट