निर्मला सप्रे ने लोस चुनाव के दौरान 5 मई को सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ बीना में मंच साझा किया। भाजपा के लिए वोट मांगे। बीना को जिला बनाने की मांग छोड़ अन्य मांगों पर मंच से ही घोषणा भी की।
कांग्रेस के द्वार बंद, भाजपा असमंजस में
ऐन चुनाव में पाला बदलने पर कांग्रेस ने सप्रे के लिए द्वार बंद कर लिए। विस में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दल बदल के तहत कार्रवाई का आवेदन दिया। सदस्यता से बर्खास्त करने पर निर्णय विस अध्यक्ष को लेना है। वहीं भाजपा अब भी असमंसज में है।उधर भार्गव की नाराजगी की क्या वजह
भाजपा में विधायकों की बढ़ती मुखरता को पार्टी कैसे मैनेज करे इसका फॉर्मूला नहीं निकाला। सोमवार को दो विधायकों की भाजपा मुख्यालय में सुनवाई हुई पर विधायक गोपाल भार्गव की वरिष्ठता के नाते उन्हें समझाइश देने कार्यालय नहीं बुलाया। दोनों डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला और दो मंत्री उदय प्रताप और लखन पटेल ने सोमवार को अलग मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक इन्होंने प्रदेश नेतृत्व का संदेश भार्गव तक पहुंचाया, नाराजगी की वजह टटोली। वहीं मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम डॉ. मोहन यादव से भी अलग-अलग मुलाकात हुई। भार्गव ने अपनी पीड़ा उनके सामने खुलकर रखी।
भार्गव के पोस्ट से खुली बात
दोनों डिप्टी सीएम और दो अन्य मंत्रियों ने अपनी मुलाकात गुप्त रखी पर सोमवार शाम को भार्गव ने ही सभी से मुलाकात के फोटो सोशल मीडिया पर साझा कर दिए।हम परिवार जैसे
हम परिवार जैसे हैं और इसमें एक-दूसरे से मिलना लगा रहता है। यह सामान्य बात है, इसे अन्य नजरिए से नहीं देखना चाहिए। -वीडी शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपामेरे पड़ोसी विधायक
भार्गव मेरे पड़ोसी विधानसभा के हैं, वरिष्ठ नेता हैं इसलिए मिलने गया। -लखन पटेल, मंत्री40 साल पुराना रिश्ता
मेरे उनसे 40 साल पुराने रिश्ते हैं। क्या मैं उनके घर चाय पीने भी नहीं जा सकता। -उदयप्रताप सिंह, मंत्री ये भी पढे़ं: गुटबाजी से जूझ रही भाजपा का दावा इतिहास रचेंगे, जीतू पटवारी ने भी कह दी बड़ी बात