मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से शुरू होगा। इसी सत्र की 3 जुलाई को मोहन सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (jagdeesh deora) बजट प्रस्तुत करेंगे। 19 जुलाई तक चलने वाले मानसून सत्र में 11 विधेयक भी पेश किए जाएंगे। इनमें एमपी की सभी यूनिवर्सिटी में एकरूपता लाने के लिए विधेयक होगा, वहीं प्रदेश में हुए बोरवेल हादसों को रोकने के लिए भी विधेयक लाया जा रहा है। यदि बोरवेल विधेयक पारित हो जाता है तो देश में मध्यप्रदेश इस प्रकार के विधेयक को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।
इसी के साथ स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन अपराध अधिनियम 1964 में संशोधन विधेयक, मध्यप्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024 और मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएं और बंदीगृह विधेयक 2024 को विधानसभा में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। पर्यावरण विभाग की ओर से भी एक शासकीय संकल्प विधानसभा में पेश होगा।
MP Assembly Monsoon Session : 1 जुलाई से शुरू होगा मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र, पहला बजट पेश करेगी मोहन सरकार हंगामे के आसार
पिछले दिनों हुई एमपी में कई घटनाओं को लेकर विपक्ष आक्रामक रुख अपनाए हुए है। उसने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार हो सकता है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने 30 जून को विधायक दल की बैठक बुलाई है। कांग्रेस विधानसभा में सत्ता पक्ष को नर्सिंग होम घोटाले, प्रदेश में बढ़ते अपराध, दलित अपराध, भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर भी सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी कांग्रेस कर रही है।
बजट में क्या है खास
विधानसभा (vidhan sabha) के मानसून सत्र (monsoon satra) में 3 जुलाई को पेश होने वाले मोहन सरकार के कार्यकाल का यह पहला बजट है। इसमें वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सरकार का पूर्ण बजट पेश करेंगे। यह बजट साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का होने का अनुमान है। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार लेखानुदान लेकर आई थी। इस बजट की खास बात यह है कि इस बजट में जनता के सुझावों को भी शामिल किया गया है। बजट में सभी वर्षों का ध्यान रखा गया है। बताया जा रहा है कि आम जनता के सुझावों के मद्देनजर कोई विशेष टैक्स नहीं जोड़ा जा रहा है। विधानसभा सचिवालय के मुताबिक मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन की जानकारी सदन के पटल पर तीन जुलाई को 11.05 बजे रखी जाएगी। इसके बाद चार और पांच जुलाई को प्रश्नोत्तर काल के बाद बजट पर चर्चा होगी। पांच जुलाई को ही अशासकीय संकल्प और विधेयक पेश किए जाएंगे।