mp budget 2024: राज्य बजट को लेकर हर वर्ग उत्साहित है। युवाओं को रोजगार के साथ स्वरोजगार का प्रशिक्षण चाहिए तो पेंशनर व नौकरीपेशा अपनी लंबित समस्याओं का समाधान चाहते हैं। आधी आबादी को लगता है कि महिला सशक्तीकरण के नारे तो सरकार बुलंद कर रही है लेकिन विसंगतियों के चलते विभिन्न योजनाओं का न लाभ मिल पा रहा है और न ही हिंसा व उत्पीडऩ दूर हो सका। किसान तकनीक के साथ कदमताल जरूरी समझने लगे हैं, उनका जैविक खेती की तरफ रुझान है, बशर्ते सरकारी स्तर पर उन्हें और प्रोत्साहन मिले। पत्रिका ने राज्य बजट को लेकर आमजन के बीच सर्वे करवाया। कई सेक्टर को लेकर राय जानी। शिक्षा व रोजगार को ध्यान में रखकर बजट तैयार करने की राय सर्वाधिक पाठकों ने दी है।
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इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य के मुकाबले शिक्षा व रोजगार प्रदेशवासियों के लिए सबसे जरूरी हैं। इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से कानून व्यवस्था का नंबर आता है। राज्य बजट को लेकर पत्रिका की ओर से प्रदेश में करवाए गए सर्वे में सर्वाधिक 41.5 फीसदी लोगों की राय है कि बजट में शिक्षा व रोजगार सेक्टर को ध्यान में रखें।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य के मुकाबले शिक्षा व रोजगार प्रदेशवासियों के लिए सबसे जरूरी हैं। इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से कानून व्यवस्था का नंबर आता है। राज्य बजट को लेकर पत्रिका की ओर से प्रदेश में करवाए गए सर्वे में सर्वाधिक 41.5 फीसदी लोगों की राय है कि बजट में शिक्षा व रोजगार सेक्टर को ध्यान में रखें।
शैक्षणिक गुणवत्ता संग रोजगार के अवसर बढ़ाने की कार्ययोजना बनाने की जरूरत है। इसके अलावा 15.5 फीसदी लोगों ने कृषि एवं किसान कल्याण की ओर ध्यान देने की जरूरत बताई। बजट सर्वे में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के पाठकों ने रुचि दिखाई। कृषि और किसान कल्याण, महिला एवं बाल विकास, युवा और खेल और सड़क ट्रांसपोर्ट को लेकर भी प्रदेशवासियों ने राय रखी।
उम्मीदों का बजटः मध्यप्रदेश के 15 प्रतिशत को कृषि और किसान कल्याण, 7 प्रतिशत को स्वास्थ्य और 3.5 प्रतिशत की प्राधमिकता इन्फ्रास्ट्रक्चर को…।
रोजगार के बाद स्वास्थ्य बड़ा मुद्दा
रोजगार के अभाव में ग्रामीणों को पलायन करना पड़ रहा है। अपना गांव-घर-परिवार छोड़कर अन्य स्थानों पर जाना पड़ रहा है। कई जिलों में यह समस्या है। पत्रिका के बजट सर्वे में ग्रामीणों ने गांवों में रोजगारपरक प्र शिक्षण शुरू करने की जरूरत बताई तो स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी परेशान हैं। अ धिकांश का मानना है कि अस्पताल तो हैं लेकिन बिना चिकित्सक उपचार किससे करवाएं।शिक्षा और रोजगारः रोजगार के लिए पलायन की मजबूरी कब तक रहेगी
प्रदेश के युवाओं की सबसे बड़ी पीड़ा है कि रोजगार को लेकर सरकारी स्तर पर दावे तो खूब किए जाते हैं लेकिन हर बार बजट में निराशा झलकती है। हर बार की तरह इस मर्तबा भी बजट को लेकर वे काफी आस लगाए बैठे हैं कि युवाओं के लिए किस्मत बदलने वाला बजट होगा। रतलाम के पंकज, इंदौर की नेहा गौड़, छिंदवाड़ा के संजय ने रोजगार के अवसर बढ़ाने की बात रखी तो दमोह के विजय बजाज के अनुसार शासकीय स्कूलों में खेल, पुस्तकालय, प्रयोगशाला व योग सुविधा रहे। यह भी मिले सुझाव: निजी स्कूलों की फीस कम हो, बच्चों के स्कूल बैग का वजन कम नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करें। सरकारी स्कूलों को केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर सुविधाएं दें और गायब रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करें।
महिला एवं बाल विकास: समानता के अवसर बाधित हैं, इसका पूरा मार्ग प्रशस्त करें
भोपाल, इंदौर, जबलपुर व ग्वालियर जैसे बड़े शहरों की महिलाओं के अनुसार समान अवसर मिलने पर नारी देश के विकास को गति दे सकती है, लेकिन सशक्तीकरण में अभी तक कई विसंगतियां हैं। भोपाल की डॉ. नीलम साहू मानती है कि बजट में ठोस व्यवस्थाएं बनाएं ताकि महिलाओं को सरकारी खानापूर्ति व अफसरशाही के चलते परेशान नहीं होना पड़े। यह भी सुझावः लड़कियों की शिक्षा के लिए अधिकाधिक आवासीय विद्यालय खोलें। लड़कियों को बाल विवाह और सामाजिक व घरेलू हिंसा से बचाना जरूरी।
0-इतनी महंगाई में घर कैसे चलाएं बजट में महंगाई कम करने पर फोकस रखें।
0-गांवों में इंटरनेट सुविधाओं का और विस्तार करें।
0-यातायात नियमों में सख्ती लाएं, विशेषकर रात को तेज रफ्तार बाइकर्स पर लगाम लगाने के लिए ठोस व्यवस्था बनाएं। 0-दमोह के पंकज सोनी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र में 2 लाख का आवास मिले।
0-रायसेन के सौरभ कुमार ठाकुर की राय है कि युवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकारी नौकरियों में बढ़ोतरी हो।
0-अशोक नगर के सचिन त्यागी ने मुफ्त शिक्षा व बेरोजगार भत्ते की मांग रखी।
0-दमोह के जितेन्द्र विश्वकर्मा, होशियार चक्रवर्ती व सिवनी के अखिलेश कुमार ने तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की राय दी।
0-शिवपुरी के संजीव जाट व अभिनंदन जैन ने बात रखी कि सभी सरकारी अस्पताल मे 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध होना चाहिए। सभी प्रकार के ऑपरेशन व जांच निशुल्क हों।
0-रतलाम के विनोद पाटीदार की सोच है कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि, इन तीनों में सीधा लाभ आमजन को देने पर कार्य करना चाहिए।
0-मंदसौर के हरिनारायण गुप्ता चाहते हैं कि मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
0-बालाघाट के विभव बिसेन के अनुसार कृषि और किसान कल्याण लागत की तुलना में फसलों की कीमत बहुत कम है।
यह भी सुझाव आए
0-पुरानी पेंशन योजना लागू होनी चाहिए, बजट में इसकी घोषणा और प्रावधान हो।0-इतनी महंगाई में घर कैसे चलाएं बजट में महंगाई कम करने पर फोकस रखें।
0-गांवों में इंटरनेट सुविधाओं का और विस्तार करें।
0-यातायात नियमों में सख्ती लाएं, विशेषकर रात को तेज रफ्तार बाइकर्स पर लगाम लगाने के लिए ठोस व्यवस्था बनाएं। 0-दमोह के पंकज सोनी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र में 2 लाख का आवास मिले।
0-रायसेन के सौरभ कुमार ठाकुर की राय है कि युवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकारी नौकरियों में बढ़ोतरी हो।
0-अशोक नगर के सचिन त्यागी ने मुफ्त शिक्षा व बेरोजगार भत्ते की मांग रखी।
0-दमोह के जितेन्द्र विश्वकर्मा, होशियार चक्रवर्ती व सिवनी के अखिलेश कुमार ने तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की राय दी।
0-शिवपुरी के संजीव जाट व अभिनंदन जैन ने बात रखी कि सभी सरकारी अस्पताल मे 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध होना चाहिए। सभी प्रकार के ऑपरेशन व जांच निशुल्क हों।
0-रतलाम के विनोद पाटीदार की सोच है कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि, इन तीनों में सीधा लाभ आमजन को देने पर कार्य करना चाहिए।
0-मंदसौर के हरिनारायण गुप्ता चाहते हैं कि मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
0-बालाघाट के विभव बिसेन के अनुसार कृषि और किसान कल्याण लागत की तुलना में फसलों की कीमत बहुत कम है।