राजनीतिक समीकरण साधने के लिए तीनों जिले गठित करना तय
मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक में तीन नए जिले बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह की नाराजगी दूर करने के लिए चाचौड़ा को जिला बनाया जा रहा है, जबकि भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी की मांग पूरी करने मैहर को जिला बनाना तय किया है। इसके अलावा नागदा को कांग्रेस विधायक दिलीप सिंह गुर्जर की मांग के कारण जिला बनाना तय किया है। राजनीतिक समीकरण साधने के लिए तीनों जिले गठित करना तय किया है।
ये रहेगी गठन की प्रक्रिया
अभी तीनों जिलों के कलेक्टर ने प्रस्ताव भेजा है, लेकिन उसमें तहसीलों का बंटवारा तय नहीं किया गया है, इसलिए पहले तहसीलों को जोड़कर नए जिलों की सीमा का प्रस्ताव तैयार होगा। फिर इस प्रारूप के साथ तीनों जिले के गठन के लिए अधिसूचना जारी होगी। इस पर 30 दिन में दावे-आपत्ति बुलाए जाएंगे।
नई सरकार आकर इस प्रस्ताव को निरस्त भी कर सकती है
दावे-आपत्ति का निराकरण करने के बाद नए जिले गठित होने की अधिसूचना जारी होगी। राजनीतिक कारणों से यह गठन हो रहा है, इस कारण यदि सरकार बदल जाती है, तो नई सरकार आकर इस प्रस्ताव को निरस्त भी कर सकती है।
दो जिलों के साथ गोवा सबसे कम जिलों वाला प्रदेश
वर्तमान में सबसे ज्यादा जिलों वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, जहां 75 जिले हैं। इसके बाद 52 जिलों वाले मध्य प्रदेश का नंबर आता था। लेेकिन बुधवार को कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में 3 नए जिले बनाने की घोषणा की गई है। दावे-आपत्ति का निराकरण करने के बाद नए जिले गठित होने की अधिसूचना जारी होती है प्रदेश में 3 जिलों के बनने से प्रदेश में कुल 55 जिले होगे। वहीं महज दो जिलों के साथ गोवा सबसे कम जिलों वाला प्रदेश है।