केंद्र सरकार ने सन 2021 में मार्च माह में ऐसे परिवारों को पारिवारिक पेंशन देने के आदेश जारी कर दिए थे। भारत सरकार इसे बाकायदा राजपत्र में प्रकाशित भी करवा चुकी है। पौने 4 साल बाद भी मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र के इस आदेश पर अमल नहीं किया है। यह लेटलतीफी एमपी के करीब 4 लाख 60 हजार कर्मचारी, अधिकारी और उनके परिजनों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
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नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मप्र संगठन अब पारिवारिक पेंशन के मामले में आगे आया है। संगठन पदाधिकारियों ने डॉ. मोहन यादव के साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। भोपाल जिला अध्यक्ष सुरसरि प्रसाद पटेल, माखन सिंह परमार आदि ने राज्य सरकार से कर्मचारी, अधिकारी को तुरंत पारिवारिक पेंशन का लाभ देने की मांग की।
दरअसल 2005 में लागू की गई नेशनल पेंशन स्कीम एनपीएस में कर्मचारी की पेंशन 1500 से 3000 रुपए ही बन पा रही है। अनेक मामलों में तो पेंशन ही नहीं बनी है। रिटायरमेंट के बाद बुढ़ापे में अपना पेट पालने के साथ ही परिजनों के पालन पोषण का कोई और उपाय नहीं रहता। कर्मचारी की मृत्यु होने के बाद पत्नी या अन्य आश्रितों को एक रुपए भी नहीं मिलते हैं।
उधर पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी, अधिकारी को रिटायर होने के बाद सेवा के अंतिम माह के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती है। मृत्यु होने की स्थिति में पत्नी को भी पारिवारिक पेंशन के रूप में आधी राशि दी जाती है। यही वजह है कि कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की पुरजोर मांग कर रहे हैं।