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प्रदेशके चुनाव उपचुनाव में मिस्टर बंटाधार और पप्पू पास हो गया जैसे शब्द खूब सुर्खियों में रहे लेकिन अब ये विधानसभा से गायब हो जाएंगे। दिग्विजय शासनकाल के आखिरी मौकों पर तो भाजपा ने मिस्टर बंटाधार को लेकर ही कैंपेन चलाया था। अब सदन में विधायक इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। विधायकों के लिए लागू आचार संहिता में इन शब्द को असंसदीय घोषित किया गया है। सचिवालय ने इस तरह के 1560 शब्दों को असंसदीय की श्रेणी में शामिल किया है।
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रविवार को विधानसभा के सभागार में असंसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह पुस्तक का विमोचन किया गया। विधानसभा सचिवालय ने वर्ष 1954-2021 तक सदन की कार्यवाही में इस्तेमाल हुए असंसदीय शब्दों को छांटकर पुस्तक में लिया है। अब यह पुस्तक सभी विधायकों को दी जाएगी।
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विलोपितन न करना पड़ेः स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा, जब सदन की कार्यवाही से कोई शब्द विलोपित नहीं करना पड़ेगा, उस दिन समझूंगा अब पुस्तक की जरूरत नहीं है।
शिवराज बोले बच्चों ने कहा था मछली बाजार
सीएम शिवराज ने कहा कि सदन में आए छात्रों से जब एक बार पूछा गया गया कि कैसा लगा तो एक छात्र ने कहा, मुझे लगा मछली बाजार में हैं। इसलिए सही शब्द बोलना जरूरी है।
संस्कृति को बनाए रखना जरूरी: नाथ
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि सदन में अनेकता में एकता दिखती है। विविधताएं सूत्र में बंध जाती हैं। संस्कृति को बनाए रखना सदन की जिम्मेदारी है।
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