भोपाल

गुजरात के बाद इन तीन राज्यों में दहाड़ेंगे MP के बाघ, मोहन सरकार ने रखी शर्त

Tiger: लंबे समय से मध्य प्रदेश से बाघ की मांग कर रहे थे ये राज्य, सरकार ने पहली बार दी मंजूरी, लेकिन रखी बड़ी शर्त….

भोपालDec 25, 2024 / 12:14 pm

Sanjana Kumar

Tiger: टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश के बाघों की दहाड़ अब देश भर के कई राज्यों में सुनाई देगी। जल्द ही एमपी की वाइल्ड लाइफ की शान ये टाइगर पड़ोसी राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के जंगलों में दहाड़ते सुनाई देंगे। राज्य की मोहन सरकार ने इन तीनों राज्यों को 15 बाघ देने की सहमति दे दी है। बता दें ये राज्य लंबे समय से मध्य प्रदेश सरकार से बाघों की मांग कर रहे थे। बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने गुजरात में भी बाघ भेजे थे।

तीन राज्यों का 15 बाघ भेजने पर बनी सहमति

मध्य प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा, तीनों राज्यों को 15 बाघ देगी। इनमें छत्तीसगढ़ को आठ बाघ भेजे जाएंगे। इन 8 बाघों में दो मेल और 6 फीमेल बाघ भेजे जाएंगे। राजस्थान को चार फीमेल बाघ सौंपे जाएंगे। वहीं ओडिशा को तीन बाघ भेजे जाएंगे, इनमें एक मेल और दो फीमेल बाघ शामिल हैं।

बाघ भेजने से पहले सरकार ने रखी शर्त

मध्य प्रदेश वन विभाग मुख्यालय के वन्यप्राणी शाखा के पीसीसीएफ शुभोरंजन सेन के मुताबिक ये 15 बाघ बांधवगढ़, पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व से भेजे जाएंगे। लेकिन बाघ भेजने से पहले मोहन सरकार ने एक शर्त भी रखी है। शर्त के मुताबिक मेल और फीमेल बाघ भेजने की प्रक्रिया पशु चिकित्सकों की टीम की देखरेख में ही जाएगी।
साथ ही बाघों के जीवन को किसी प्रकार का खतरा न हो, इसका भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। बाघों को भेजने का पूरा खर्च संबंधित राज्य को ही उठाना होगा और इसकी विधिवत अनुमति भारत सरकार से लेनी होगी।

लगाए जाएंगे रेडियो कॉलर


एनटीसीए की मंजूरी मिलने पर ही दूसरे राज्यों में भेजे जाने वाले बाघों को चिह्नित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें रेडियो कॉलर पहनाए जाएंगे। इसके बाद एक्सपर्ट टीम की देखरेख में ही इन्हें भेजा जाएगा।
बता दें कि जिन तीन राज्यों को बाघ भेजे जाने पर सहमति बनी है, वे सभी राज्य लंबे समय से मध्य प्रदेश से बाघ का मांग कर रहे थे। वहीं पेंच, बांधवगढ़ समेत कई टाइगर रिजर्व ऐसे हैं जहां, क्षमता से ज्यादा टाइगर हैं, ऐसे में इनकी प्रजाति का अस्तित्व अन्य राज्यों में भी बनाए रखने के लिए इन्हें वहां भेजने पर स्वीकृति बनी है। बता दें कि मध्य प्रदेश वर्तमान में 785 बाघों का घर है।

गुजरात को दो बाघ दे चुकी है एमपी सरकार

मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में नंदनी और बांधवगढ़ नामक दो बाघों का जोड़ा गुजरात सरकार को दिया है। इन दो बाघों के बदले में गुजरात सरकार ने मध्य प्रदेश को गिर के दो शेर भेजे हैं, जो अब राजधानी भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में हैं। यहीं से गुजरात के इंड्रोडा नेचर पार्क को दो बाघ भेजे गए थे। वहीं, जूनागढ़ के शक्कर बाघ जू से वन विहार राष्ट्रीय उद्यान को शेर मिले हैं। दोनों ही राज्यों में बाघ और शेर की आबादी बढ़ाने पर काम किया जाएगा।

असम को जंगली भैंसे लेकर दिए जाएंगे बाघ

मध्य प्रदेश लंबे समय से जंगली भैंसों को लाने के प्रयास कर रहा है। ये जंगली भैंसे असम से लाए जाने हैं। इन भैंसों को कान्हा टाइगर रिजर्व में बसाया जाएगा। इन जंगली भैंसों के बदले मध्य प्रदेश सरकार असम को भी बाघ देगा। यह बाघ इंदौर या ग्वालियर स्थित चिड़ियाघर से भेजे जाएंगे।

तत्कालीन सीएम शिवराज ने असम के सीएम को लिखा था पत्र

बता दें कि 03 जुलाई 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को जंगली भैंसे देने के लिए पत्र लिखा था। पत्र में शिवराज ने लिखा था कि कई साल पहले मध्य प्रदेश में जंगली भैंसे हुआ करते थे, लेकिन बाद में ये खत्म हो गए। बता दें कि मध्य प्रदेश में वर्ष 1979 तक जंगली भैंसे पाए जाते रहे हैं, लेकिन इसके बाद नहीं देखे गए। आखिरी भैंसा पन्ना के रैपुरा क्षेत्र के रूपझिर गांव के पास दिखाई दिया था।

केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही शुरू होगी प्रक्रिया

मध्य प्रदेश वन विभाग नेशनल टाइगर कंजर्वेशन को राज्य सरकार की मंजूरी का प्रस्ताव भेजेगा। केंद्र की मंजूरी के बाद ही दूसरे राज्यों को बाघ देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
-शुभोरंजन सेन, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ, मध्य प्रदेश

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