सामने आ रही सूचना के अनुसार श्रम मंत्रालय ने कहा है कि असंगठित क्षेत्र के 40 वर्ष तक की आयु के कामगार 15 फरवरी से ही प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) योजना से जुड़़ सकते हैं। श्रम मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करके यह जानकारी दी है। योजना से जुड़ने वाले लाभार्थियों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 में इस योजना की घोषणा की है। योजना का उद्देश्य 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन उपलब्ध कराना है।
गोयल ने कहा कि इस योजना से अगले पांच साल में 10 करोड़ कामगारों के योजना से जुड़ने की उम्मीद है। इसके लिये अंतरिम बजट में 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। उन्होंने बजट में कहा था कि योजना को चालू वित्त वर्ष से ही लागू कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन से लाभार्थियों को 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम 3,000 रुपये की मासिक पेंशन दी जायेगी। इस योजना के तहत योजना से जुड़ने वाले कामगारों को बहुत ही छोटी राशि हर महीने पेंशन योजना में जमा करनी होगी। इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PMSYM) के तहत योजना का लाभ उठाने की पात्रता और शर्तें…
: इस मेगा पेंशन स्कीम से जुड़ने के लिए असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मी की आय 15,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। एलिजिबल व्यक्ति का सेविंग बैंक अकाउंट और आधार नंबर होना चाहिए।
: वर्कर की उम्र 18 साल से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
: पहले से ही केंद्र सरकार की सहायता वाली किसी अन्य पेंशन स्कीम का सदस्य होने पर वर्कर मानधन योजना के लिए पात्र नहीं होगा।
: अपने हिस्से का योगदान करने में चूक होने पर पात्र सदस्य को ब्याज के साथ बकाए का भुगतान करके अपने योगदान को नियमित करने की अनुमति होगी। यह ब्याज सरकार तय करेगी।
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: यदि सब्सक्राइबर जुड़ने की तारीख से 10 साल के अंदर स्कीम से निकलने का इच्छुक है तो केवल उसके हिस्से का योगदान सेविंग बैंक की ब्याज दर पर उसे लौटाया जाएगा।
: यदि सब्सक्राइबर स्कीम से 10 साल बाद लेकिन 60 साल की उम्र से पहले निकलता है तो उसे पेंशन स्कीम में कमाए गए वास्तविक ब्याज के साथ उसके हिस्से का योगदान लौटाया जाएगा।
: किसी कारण से यदि सब्सक्राइबर की मौत हो जाती है तो उसके जीवनसाथी के पास स्कीम को चलाने का विकल्प होगा। इसके लिए उसे नियमित योगदान करना होगा।
: सब्सक्राइबर और उसके जीवनसाथी की मौत हो जाने की दशा में रकम को वापस फंड में क्रेडिट कर दिया जाएगा।
: यदि सब्सक्राइबर 60 साल की उम्र से पहले अस्थायी रूप से विकलांग हो जाता है और स्कीम में योगदान करने में समर्थ है तो उसके पास स्कीम के वास्तविक ब्याज के साथ अपने हिस्से का योगदान लेकर स्कीम से निकलने का विकल्प होगा।
: उन वर्षों के दौरान जब सब्सक्राइबर को पेंशन मिलेगी, तब जीवनसाथी को उसमें से 50 फीसदी लेने का हक होगा। सब्सक्राइबर की मौत के बाद बच्चों को पेंशन बेनिफिट लेने का हक नहीं होगा।
: स्कीम में 3,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन का प्रावधान है. यह पेंशन सब्सक्राइबर को 60 साल की उम्र के बाद मिलेगी।
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कौन हो सकते हैं शामिल… यह योजना रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के दूसरे कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कवर करेगी।
कितनी होनी चाहिए इनकम मेगा पेंशन योजना से जुड़ने के लिए असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मी की इनकम 15,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। पात्र व्यक्ति का सेविंग बैंक अकाउंट और आधार नंबर होना चाहिए।
विकलांग होने पर ये योजना के लाभार्थी के स्थायी रूप से अपंग होने की स्थिति में भी उसके पति अथवा पत्नी योजना को आगे जारी रख सकते हैं अथवा बाहर हो सकते हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि पेंशन शुरू होने के बाद लाभार्थी की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी अथवा पति पेंशन की हकदार होगी और उसे पेंशन राशि का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।
ये होगा मृत्यु होने पर योजना में यह भी प्रावधान होगा कि यदि कोई कामगार नियमित रूप से अंशदान करता रहा है और किसी वजह से बाद में उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी योजना को आगे बढ़ाने की पात्र होगी। वह आगे नियमित रूप से योजना में अंशदान कर सकती है। लाभार्थी की पत्नी अथवा पति अंशदाता की मृत्यु होने पर योजना से यदि बाहर होना चाहते हैं तो वह किये गये कुल अंशदान पर ब्याज सहित पूरी राशि को प्राप्त कर सकते हैं और योजना से बाहर हो सकते हैं।