खरगोन, बुरहानपुर और बड़वानी जिले को मिलाकर निमाड़ संभाग के गठन की चर्चा जोरों पर है। इसको लेकर अब जनप्रतिनिधियों में जोर आजमाइश शुरू हो गई है। खरगोन सांसद गजेंद्र सिंह पटेल गुरुवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिले थे। उन्होंने खरगोन को नए संभाग का मुख्यालय बनाने की मांग करते हुए सीएम को पत्र सौंपा था।
खंडवा सहित दूसरे जिलों के अन्य जनप्रतिनिधियों को जब यह बात पता चली तो वे दूसरे दिन ही यानि शुक्रवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास पहुंच गए। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, खंडवा विधायक कंचन मुकेश तनवे, मांधाता विधायक नारायण पटेल, पंधाना विधायक छाया मोरे, नेपानगर विधायक मंजू दादू, विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे, चंद्रेश पचौरी सहित पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री यादव से मिले। जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से निमाड़ को संभाग का दर्जा देकर संभाग का मुख्यालय खंडवा बनाने का पत्र सौंपा।
भाजपा प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि नर्मदा जल योजना के लिए भी विधायक, महापौर ने सांसद के साथ अपनी बात रखी थी। इस तरह से निमाड़ संभाग बनाकर मुख्यालय खंडवा किए जाने को लेकर प्रयास तेज हो गए हैं।
खंडवा को संभागीय मुख्यालय बनाने के पक्ष में तर्क - जनप्रतिनिधियों का कहना है कि वर्तमान में इंदौर संभाग होने से सभी सरकारी कार्यों का संपादन इंदौर से होता है। इंदौर की दूरी खंडवा से 130 किमी, बुरहानपुर से 200 किमी, खरगोन से 140 किमी और बड़वानी से 180 किमी है।
- खंडवा जिले में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। जिले में हनुवंतिया और सैलानी पर्यटन स्थल भी है।
- खंडवा के आसपास के क्षेत्र में दो ताप विद्युत परियोजना, दो जल विद्युत परियोजना एवं अन्य स्थानों पर सोलर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन हो रहा है।
- खंडवा रेलवे का प्रमुख जंक्शन होने से समीपवर्ती जिलों को अवागमन की सुविधा है जिसमें मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, जयपुर, अजमेर, इंदौर, अकोला, हैदराबाद से सीधी रेल कनेक्टिविटी से जुड़ा है।
- खंडवा में इनकम टैक्स एवं जीएसटी का संभागीय कार्यालय संचालित है।
- खंडवा में हवाई पट्टी होने से वायुयान से आवाजाही सुविधाजनक है।