रेल के डिब्बे में घटी व्यक्ति के घटना पर इंसानियत की शिक्षा
भोपाल. शेडो बाक्स थियेटर में रविवार को निर्देशन मनोज नायर द्वारा रचित नाटक आदमी और कुत्ता का मंचन हुआ। नाटक में दिखाया कि इंसान को इंसान ही बने रहना आवश्यक है। इस संसार में हमेशा अपने भीतर मनुष्यता बनाए रखना बहुत मुश्किल होता है। अपने क्षणिक लाभ के लिए कोई भी पलट सकता है। भीतर के पशुत्व को पूरी तरह समाप्त करना बहुत ही दुष्कर कार्य है। लेकिन अंत में मनुष्यता ही जीतती है। ऐसा ही संदेश आदमी और कुत्ता नाटक द्वारा दिया जाता है।
मनुष्य और पशु के बीच अंतर को दिखाया
वनमाली जी कहानी आदमी और कुत्ता में उन्होंने मनुष्य और पशु के बीच के अंतर को बताया है। रेल यात्रा के दौरान रेल के डिब्बे में घटी व्यक्ति के घटना पर आधारित इस कहानी में पशुत्व से ऊपर उठकर इंसानियत की शिक्षा देती है। इस नाटक में लेखक के माध्यम से आदमी के भीतर आदमी से मिलने की कवायद है।