गुना सीट से बीजेपी के उम्मीदवार केपी यादव ने तब कांग्रेस के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को हरा दिया था। इसके बाद सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए और केंद्र में मंत्री भी बन गए। बाद में वे राज्य सभा के सांसद बने। 2024 में बीजेपी ने सांसद केपी यादव का टिकट काटकर गुना लोकसभा सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया को उतार दिया। तभी से केपी यादव के राजनीतिक भविष्य पर अटकलें लगाई जा रहीं हैं।
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गुना से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद कानूनन ज्योतिरादित्य सिंधिया को अब राज्यसभा सांसद का पद छोड़ना होगा। माना जा रहा है कि उनके द्वारा खाली की जानेवाली राज्यसभा की सीट पूर्व सांसद केपी यादव Former Guna MP KP Yadav को दी जा सकती है। इसी के साथ बीजेपी उनका राजनैतिक पुनर्वास कर सकती है।
गुना से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद कानूनन ज्योतिरादित्य सिंधिया को अब राज्यसभा सांसद का पद छोड़ना होगा। माना जा रहा है कि उनके द्वारा खाली की जानेवाली राज्यसभा की सीट पूर्व सांसद केपी यादव Former Guna MP KP Yadav को दी जा सकती है। इसी के साथ बीजेपी उनका राजनैतिक पुनर्वास कर सकती है।
गौरतलब है कि बीजेपी द्वारा टिकट काट दिए जाने के बाद कांग्रेस ने केपी यादव Former Guna MP KP Yadav पर खूब डोरे डाले थे। दिग्विजय सिंह ने उनके प्रति हमदर्दी जताई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तो उन्हें खुलेआम कांग्रेस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि केपी यादव ने सब्र से काम लिया और बीजेपी ने भी उनके राजनैतिक पुनर्वास का वादा किया।
क्या बोले थे केपी यादव
टिकट कट जाने और कांग्रेसी प्रलोभन के बाद केपी यादव का बयान सामने आया था। उन्होंने कांग्रेस में जाने से साफ इंकार कर दिया। इसके उलट केपी यादव ने सिंधिया को टिकट दिए जाने को पार्टी का निर्णय बताते हुए कहा कि मैं इसका स्वागत करता हूं। बाद में भोपाल में बीजेपी प्रदेश कार्यालय जाकर उन्होंने संगठन के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की। तब संगठन के नेताओं ने केपी यादव को उनके राजनैतिक भविष्य के प्रति आश्वस्त कर दिया था।
टिकट कट जाने और कांग्रेसी प्रलोभन के बाद केपी यादव का बयान सामने आया था। उन्होंने कांग्रेस में जाने से साफ इंकार कर दिया। इसके उलट केपी यादव ने सिंधिया को टिकट दिए जाने को पार्टी का निर्णय बताते हुए कहा कि मैं इसका स्वागत करता हूं। बाद में भोपाल में बीजेपी प्रदेश कार्यालय जाकर उन्होंने संगठन के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की। तब संगठन के नेताओं ने केपी यादव को उनके राजनैतिक भविष्य के प्रति आश्वस्त कर दिया था।
पार्टी का आदेश सर्वोपरि
गुना से टिकट कटने के बाद केपी यादव Former Guna MP KP Yadav ने कहा— बीजेपी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। मैं सबसे पहले पार्टी का कार्यकर्ता हूं और इस नाते जो दायित्व मिलेगा उसका निर्वहन करूंगा। मेरे लिए पार्टी का आदेश सर्वोपरि है।
गुना से टिकट कटने के बाद केपी यादव Former Guna MP KP Yadav ने कहा— बीजेपी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। मैं सबसे पहले पार्टी का कार्यकर्ता हूं और इस नाते जो दायित्व मिलेगा उसका निर्वहन करूंगा। मेरे लिए पार्टी का आदेश सर्वोपरि है।
अमित शाह ने किया वादा
अप्रेल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह Amit Shah ने गुना से प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में अशोकनगर जिले में चुनावी सभा संबोधित की। यहां उन्होंने पूर्व सांसद केपी यादव के राजनैतिक भविष्य की भी बात की। अमित शाह ने सभा में कहा कि आप लोग केपी यादव की चिंता न करें, उनके लिए हमने सोच रखा है। शाह ने यह भी कहा कि केपी यादव Former Guna MP KP Yadav ने इस क्षेत्र की बहुत सेवा की है।
अप्रेल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह Amit Shah ने गुना से प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में अशोकनगर जिले में चुनावी सभा संबोधित की। यहां उन्होंने पूर्व सांसद केपी यादव के राजनैतिक भविष्य की भी बात की। अमित शाह ने सभा में कहा कि आप लोग केपी यादव की चिंता न करें, उनके लिए हमने सोच रखा है। शाह ने यह भी कहा कि केपी यादव Former Guna MP KP Yadav ने इस क्षेत्र की बहुत सेवा की है।
तब अमित शाह बोले थे— केपी यादव की चिंता आपको करने की जरूरत नहीं है। उनकी चिंता मुझ पर छोड़ दीजिए। जब अमित शाह यह कह रहे थे तब मंच पर पूर्व सांसद केपी यादव भी मौजूद थे।
कब खाली होगी सीट
चुनाव परिणाम घोषित किए जाने के 14 दिनों में त्यागपत्र देने का प्रावधान है। इस प्रकार नियमानुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 जून तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपना इस्तीफा दे सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की खाली की गई सीट से केपी यादव को राज्यसभा भेजकर बीजेपी दोनों का राजनैतिक हिसाब किताब भी बराबर कर सकती है।
चुनाव परिणाम घोषित किए जाने के 14 दिनों में त्यागपत्र देने का प्रावधान है। इस प्रकार नियमानुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 जून तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपना इस्तीफा दे सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की खाली की गई सीट से केपी यादव को राज्यसभा भेजकर बीजेपी दोनों का राजनैतिक हिसाब किताब भी बराबर कर सकती है।