…तो पूरा मंत्रीमंडल खतरे में है
दूसरी तरफ मंत्री अरविंद भदौरिया के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद कांग्रेस द्वारा बीजेपी पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगा चुकी है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने तो यहां तक कहा था कि, मंत्री का पॉजिटिव निकलना बताता है कि, नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि, कोरोना के लक्षण होने के बावजूद भदौरिया कैबिनेट मीटिंग में पहुंच गए थे। इसी बीच अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आना बड़े सवाल खड़े कर रहा है। यानी अगर सीएम को कैबिनेट बैठक के दौरान संक्रमण लगा है तो, अन्य मंत्रियों पर भी संक्रमण की तलवार लटक रही है। मंत्री भदौरिया के संक्रमित पाए जाने के बाद से ही कांग्रेस भी सवाल उठा रही है कि, समूचे मंत्रीमंडल को क्वॉरंटीन होना चाहिए। कांग्रेस का आरोप है कि, अगर जिम्मेदार ही नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो आम लोग कैसे करेंगे?
चुनावी जल्दबाजी का ना हो बड़ा भुगतान
अगर सीएम उन्हीं की कैबिनेट के जरिये कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं तो, कैबिनेट मंत्रियों पर भी उतना ही खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, शिवराज के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मंत्रीमंडल के सभी सदस्य क्वारंटीन होने का फैसला ले चुके हैं। बड़ा सवाल ये है कि, बीजेपी नेता और मंत्री उपचुनाव को लेकर भी कुछ ज्यादा ही सक्रिय हैं। इस दौरान मंत्री खुद अपने क्षेत्रों में प्रचार प्रसार और जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। लगातार उसके नेता क्षेत्र में संवाद कर रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री कई स्थानों का दौरा कर चुके हैं। अगर सीएम समेत और भी मंत्री नेताओं में कोरोना की पुष्टि होती है, तो कहीं ये लोग संक्रमण के फैलाव का कारण न बन गए हों!