- ठेकेदार ने मेट्रो रेल कारपोरेशन को दो टूक कहा, कॉरीडोर खाली करें तो तेज होगा निर्माण, 52863 वर्गमीटर जमीन की जरूरत मेट्रो को
भोपाल.
मेट्रो टे्रन प्रोजेक्ट लगातार देरी से चल रहा है। पुल बोगदा से करोद के बीच 493 चिन्हित बाधाएं हैं। प्रशासन के साथ कारपोरेशन इन्हें हटाने के लिए काम कर रहा, लेकिन देरी हो रही है। इस देरी से आमजन का ही नहीं, प्रोजेक्ट के ठेकेदारों का भी सब्र जवाब दे रहा है। पुल बोगदा से करोद के बीच कॉरीडोर व अंडरग्राउंड लाइन व स्टेशन का काम करने तय ठेकेदारों ने कारपोरेशन को स्पष्ट कर दिया कि काम तेज कराना है तो बाधक निर्माण को जल्द हटाना होगा। मेट्रो का काम तेजी से पूरा करने कारपोरेशन को 52 हजार 863 वर्गमीटर जमीन की जरूरत है। 30 किमी में 1342 संपत्तियों को हटाना है।
करोंद से एम्स लाइन- 16.546 किमी लंबाई। 14 एलीवेटेड स्टेशन, दो अंडरग्राउंड स्टेशन।
भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहा तक- 14.164 किमी लंबाई। 14 रेलवे स्टेशन एलीवेटेड।
दो लाइन की कुल लंबाई- 30.170 किमी है। 30 मेट्रो स्टेशन कुल
सुभाष ब्रिज से करोंद तक इन्हें हटाना टेढ़ी खीर