भोपाल। आज से 35 साल पहले जब भोपाल में भारत भवन का उद्घाटन करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भोपाल आई थी, उस समय उनके एक वक्तव्य से दिल्ली तक को हिला दिया था। देश में महिला प्रधानमंत्री के बयान से राजनीति गर्मा गई थी, इस बयान के बाद इस मुद्दे को काफी सुर्खियां मिलीं, राजनीति के साथ ही कला जगत में भी इसका काफी चर्चा होती रही।
बात 13 फरवरी 1982 की है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भोपाल में बने भारत भवन का उद्घाटन करने आई हुई थीं। मध्यप्रदेश में उस समय मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह थे। मध्यप्रदेश के कल्चर को बढ़ावा देने के लिए भारत भवन का निर्माण किया गया था।यह वही दौर था जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के भोपाल को सांस्कृतिक राजधानी कहा जाने लगा था।
जब डिजाइन देख चौंक गईं इंदिरा
चार्ल्स कोरिया ने भारत भवन का डिजाइन तैयार किया था। उद्घाटन के मौके पर इंदिरा इसकी डिजाइन देख चौंक गई थीं। भारत भवन इस ढंग से बनाया गया है कि कभी भी ये एक इमारत जैसी न लगे।
यह था इंदिरा का बयानभारत भवन में विभिन्न कला-संस्कृति की झलक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से प्रभावित होकर इंदिरा को यह कहना पड़ गया था कि ‘जो दिल्ली में नहीं हो रहा है वो भोपाल में हो रहा है।’ इंदिरा की बातों से साफ अनुमान लगाया गया था कि वे चाहती थीं कि कला और संस्कृति का यह भवन दिल्ली में होना चाहिए था। इसके बाद कई लोग इंदिरा गांधी के वक्तव्य से घबरा गए थे। तरह-तरह की बयान और सफाई दी जाती रही। यह बात उन दिनों काफी सुर्खियों में रही।
यह है संस्कृति और कला का मंदिर
-मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में बड़े तालाब के पास स्थित यह भारत भवन है।
-इसकी स्थापना 1982 में हुई थी।
-इसे मुख्य रूप से प्रदर्शन कला और दृश्य कला का केंद्र माना जाता है।
-यह विभिन्न पारंपरिक शास्त्रीय कलाओं के संरक्षण का यह प्रमुख केन्द्र है।
-भारत भवन चार्ल्स कोरेया द्वारा डिजाइन किया गया है।
-चार्ल्स का भारत भवन के बारे में कहना था कि यह पानी पर झुका हुआ एक पठार जहाँ से तालाब और ऐतिहासिक शहर दिखाई देता है।
-यहां अनेक रचनात्मक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
-भारत भवन में आर्ट गैलरी, इनडोर या आउटडोर ओडिटोरियम, रिहर्सल रूम, म्यूजियम ऑफ आर्ट, ललित कला संग्रह, भारतीय काव्य से भरा पुस्तकालय आदि कई चीज़ें शामिल हैं।



