यहां हम तिल को लेकर केवल स्त्रियों की ही बात नहीं कर रहे हैं, इस तिल से पुरुष भी प्रभावित होते हैं। ये हमेशा शरीर के जिस स्थान पर हैं, वहां ज्यादा प्रभाव डालता है, क्योंकि शरीर के अलग-अलग हिस्सों का अलग ही फायदा होता है। इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा बताते हैं, कि तिल को काफी पहले से आपके आने वाले समय सहित आपकी इच्छाओं से जोड़ा जाता रहा है।
उनके मुताबिक जहां मुंह के अंदर तिल होने पर आपके द्वारा कही गईं बातो के सच होने की संभावना आधिक होती है, वहीं कुछ लोग इसे मीठे के लिए ज्यादा लालायित होने वाला भी बताते हैं। लेकिन इन सबके मामले में समुद्रशास्त्र हमें सही स्थिति का ज्ञान कराता है…
जानिये किन हिस्सों पर तिल को भाग्यशाली बताता है समुद्र शास्त्र…
– समुद्रशास्त्र के अनुसार जिन लोगों के हथेली पर तिल होता है, ऐसे लोग किस्मत के धनी होते हैं और इन्हें हर काम मे सफलता मिलती है। हथेली पर तिल वाले लोग कभी भी हार नहीं मानते साथ ही अपनी जिंदगी में जो चाहते हैं वह हासिल कर लेते हैं और बेहद अमीर भी बनते हैं।
– दाहिनी आंख पर तिल होने का अर्थ है कि आप अपनी पत्नी से अत्यधिक प्रेम करते हैं। अगर तिल बाईं आंख पर हो तो पत्नी से कलह रहता है और दांपत्य जीवन सुखी नहीं रहता।
– माथे पर तिल होने वालों को बलवान की श्रेणी में रखा जाता है। अगर किसी व्यक्ति की ठुड्डी पर तिल हो तो कहा जाता है कि वह अपनी पत्नी से अधिक प्रेम नहीं करता।
– वहीं जिसके भी नाक पर तिल होता है, वे लोग बेहद ही खूबसूरत होने के साथ-साथ नखरीले भी होते हैं और इन्हें छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है। नखरीले होने के बावजूद भी यह लोग बहुत ही भाग्यशाली होते हैं और यह जो चाहते हैं , इन्हें आसानी से मिल जाता है।
– दाहिनी भुजा पर तिल होना मान-प्रतिष्ठा मिलने का संकेत होता है। ऐसे लोगों को समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है लेकिन बाईं भुजा पर तिल होना झगड़ालू होने का संकेत होता है।
– इसके अलावा जिन लोगों के ठोड़ी पर तिल होता है, वे स्वभाव से काफी शांत होने के साथ ही सुंदर भी होते हैं। ऐसे लोग अपनी मधुर वाणी की वजह से हर बिगड़े हुए काम को आसानी से सुलझा लेते हैं, साथ ही इन लोगों को जीवन मे बहुत ही खुशियां और धन-दौलत भी मिलता है।
– दाहिनी छाती पर तिल का अर्थ है कि आप अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते हैं। अगर तिल बाईं छाती पर हो तो आपका पत्नी से हमेशा किसी न किसी बात पर झगड़ा होता रहेगा ।
– नाभि के पास तिल होना समुद्रशास्त्र के मुताबिक बहुत ही ज्यादा शुभ माना गया है, यह सुख-समृद्धि और अखण्ड राज करने का सूचक-माना जाता है। ऐसे लोगों में जन्म से ही लीडर की खूबियां होती है
– पीठ पर तिल वाले लोग बहुत ही रोमांटिक होते हैं और अक्सर ही अपने पार्टनर के साथ घूमने-फिरने का प्लान बनाते-रहते हैं। इसके अलावा इन लोगों के मन कि इच्छा बहुत कम मेहनत में ही पूरी हो जाती है, अब इससे ज्यादा क्या चाहिए।
– अगर किसी व्यक्ति की नाक पर तिल होता है तो उसे जीवनभर किसी न किसी कारण बार-बार यात्राएं करनी पड़ती हैं। दाहिनी हथेली पर तिल का होना आपके बलवान होने को दर्शाता है। बाईं हथेली पर तिल है तो आप दोनों हाथों से खर्च करने वाले लोगों में से एक हैं।
जानिये शरीर तिलों का रहस्य (ऐसे समझिए शरीर के 32 स्थानों पर असर)…
1. ललाट पर तिल – ललाट के मध्य भाग में तिल निर्मल प्रेम की निशानी है। ललाट के दाहिने तरफ का तिल किसी विषय विशेष में निपुणता, किंतु बायीं तरफ का तिल फिजूलखर्ची का प्रतीक होता है। ललाट या माथे के तिल के संबंध में एक मत यह भी है कि दायीं ओर का तिल धन वृद्धिकारक और बायीं तरफ का तिल घोर निराशापूर्ण जीवन का सूचक-होता है।
2. भौंहों पर तिल – यदि दोनों भौहों पर तिल हो तो जातक अकसर यात्रा करता रहता है। दाहिनी पर तिल सुखमय और बायीं पर तिल दुखमय दांपत्य जीवन का संकेत देता है। 3. आंख की पुतली पर तिल – दायीं पुतली पर तिल हो तो व्यक्ति के विचार उच्च होते हैं। बायीं पुतली पर तिल वालों के विचार कुत्सित होते हैं। पुतली पर तिल वाले लोग सामान्यत: भावुक होते हैं।
4. पलकों पर तिल – आंख की पलकों पर तिल हो तो जातक संवेदनशील होता है। दायीं पलक पर तिल वाले बायीं वालों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं। 5. आंख पर तिल – दायीं आंख पर तिल स्त्री से मेल होने का एवं बायीं आंख पर तिल स्त्री से अनबन होने का आभास देता है।
6. कान पर तिल – कान पर तिल व्यक्ति के अल्पायु होने का संकेत देता है। 7. नाक पर तिल – नाक पर तिल हो तो व्यक्ति प्रतिभासंपन्न और सुखी होता है। महिलाओं की नाक पर तिल उनके सौभाग्यशाली होने का सूचक-है।
8. होंठ पर तिल – होंठ पर तिल वाले व्यक्ति बहुत प्रेमी हृदय होते हैं। यदि तिल होंठ के नीचे हो तो गरीबी छाई रहती है। 9. मुंह पर तिल – मुखमंडल के आसपास का तिल स्त्री तथा पुरुष दोनों के सुखी संपन्न एवं सज्जन होने के सूचक-होते हैं। मुंह पर तिल व्यक्ति को भाग्य का धनी बनाता है। उसका जीवनसाथी सज्जन होता है।
10 गाल पर तिल – गाल पर लाल तिल शुभ फल देता है। बाएं गाल पर
कृष्ण वर्ण तिल व्यक्ति को निर्धन, किंतु दाएं गाल पर धनी बनाता है।
11. जबड़े पर तिल – जबड़े पर तिल हो तो स्वास्थ्य की अनुकूलता और प्रतिकूलता निरंतर बनी रहती है।
12- ठोड़ी पर तिल – जिस स्त्री की ठोड़ी पर तिल होता है, उसमें मिलनसारिता की कमी होती है। 13. कंधों पर तिल – दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे पर तिल का होना तुनकमिजाजी का सूचक-होता है।
14. दाहिनी भुजा पर तिल – ऐसे तिल वाला जातक प्रतिष्ठित व बुद्धिमान होता है। लोग उसका आदर करते हैं। 15. बायीं भुजा पर तिल – बायीं भुजा पर तिल हो तो व्यक्ति झगड़ालू होता है। उसका सर्वत्र निरादर होता है। उसकी बुद्धि कुत्सित होती है।
16. कोहनी पर तिल –
कोहनी पर तिल का पाया जाना विद्वता का सूचक-है। 17. हाथों पर तिल – जिसके हाथों पर तिल होते हैं वह चालाक होता है।
गुरु क्षेत्र में तिल हो तो सन्मार्गी होता है। दायीं हथेली पर तिल हो तो बलवान और दायीं हथेली के पृष्ठ भाग में हो तो धनवान होता है। बायीं हथेली पर तिल हो तो जातक खर्चीला तथा बायीं हथेली के पृष्ठ भाग पर तिल हो तो कंजूस होता है।
18. अंगूठे पर तिल – अंगूठे पर तिल हो तो व्यक्ति कार्यकुशल, व्यवहार कुशल तथा न्यायप्रिय होता है। 19. तर्जनी पर तिल – जिसकी तर्जनी पर तिल हो, वह विद्यावान, गुणवान और धनवान किंतु शत्रुओं से पीड़ित होता है।
20. मध्यमा पर तिल – मध्यमा पर तिल उत्तम फलदायी होता है। व्यक्ति सुखी होता है। उसका जीवन शांतिपूर्ण होता है। 21. अनामिका पर तिल – जिसकी अनामिका पर तिल हो तो वह ज्ञानी, यशस्वी, धनी और पराक्रमी होता है।
कनिष्ठा पर तिल – कनिष्ठा पर तिल हो तो वह व्यक्ति संपत्तिवान होता है, किंतु उसका जीवन दुखमय होता है।
22. जिसकी हथेली में तिल मुठ्ठी में बंद होता है वह बहुत भाग्यशाली होता है लेकिन यह सिर्फ एक भ्रांति है। हथेली में होने वाला हर तिल शुभ नहीं होता कुछ अशुभ फल देने वाले भी होते हैं।
23.
सूर्य पर्वत मतलब रिंग फिंगर के नीचे के क्षेत्र पर तिल हो तो व्यक्ति समाज में कलंकित होता है। किसी की गवाही की जमानत उल्टी अपने पर नुकसान देती है। नौकरी में पद से हटाया जाना और व्यापार में घाटा होता है। मान- सम्मान पर प्रभावित होता है और नेत्र संबंधित रोग तंग करते हैं।
24. बुध पर्वत यानी लिटिल फिंगर के नीचे के क्षेत्र पर तिल हो तो व्यक्ति को व्यापार में हानि उठानी पड़ती है। ऐसा व्यक्ति हिसाब-किताब व गणित में धोखा खाता है और दिमागी रूप से कमजोर होता है।
25. लिटिल फिंगर के नीचे वाला क्षेत्र जो हथेली के अंतिम छोर पर यानी मणिबंध से ऊपर का क्षेत्र जो चंद्र क्षेत्र कहलाता है, इस क्षेत्र पर यदि तिल हो तो ऐसे व्यक्ति के विवाह में देरी होती है। प्रेम में लगातार असफलता मिलती है। माता का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है।
26. गले पर तिल – गले पर तिल वाला जातक आरामतलब होता है। गले पर सामने की ओर तिल हो तो जातक के घर मित्रों का जमावड़ा लगा रहता है। मित्र सच्चे होते हैं। गले के पृष्ठ भाग पर तिल होने पर जातक कर्मठ होता है।
27. छाती पर तिल – छाती पर दाहिनी ओर तिल का होना शुभ होता है। ऐसी स्त्री पूर्ण अनुरागिनी होती है। पुरुष भाग्यशाली होते हैं। शिथिलता छाई रहती है। छाती पर बायीं ओर तिल रहने से भार्या पक्ष की ओर से असहयोग की संभावना बनी रहती है। छाती के मध्य का तिल सुखी जीवन दर्शाता है। यदि किसी स्त्री के हृदय पर तिल हो तो वह सौभाग्यवती होती है।
28. कमर पर तिल – यदि किसी व्यक्ति की कमर पर तिल होता है तो उस व्यक्ति की जिंदगी सदा परेशानियों से घिरी रहती है। 29. पीठ पर तिल – पीठ पर तिल हो तो जातक भौतिकवादी, महत्वाकांक्षी एवं रोमांटिक हो सकता है। वह भ्रमणशील भी हो सकता है। ऐसे लोग धनोपार्जन भी खूब करते हैं और खर्च भी खुलकर करते हैं। वायु तत्व के होने के कारण ये धन संचय नहीं कर पाते।
30. पेट पर तिल – पेट पर तिल हो तो व्यक्ति चटोरा होता है। ऐसा व्यक्ति भोजन का शौकीन व मिष्ठान्न प्रेमी होता है। उसे दूसरों को खिलाने की इच्छा कम रहती है। 31. घुटनों पर तिल – दाहिने घुटने पर तिल होने से गृहस्थ जीवन सुखमय और बायें पर होने से दांपत्य जीवन दुखमय होता है।
32. पैरों पर तिल – पैरों पर तिल हो तो जीवन में भटकाव रहता है। ऐसा व्यक्ति यात्राओं का शौकीन होता है। दाएं पैर पर तिल हो तो यात्राएं सोद्देश्य और बाएं पर हो तो निरुद्देश्य होती हैं।
समुद्र विज्ञान के अनुसार जिनके पांवों में तिल का चिन्ह होता है उन्हें अपने जीवन में अधिक यात्रा करनी पड़ती है। दाएं पांव की एड़ी अथवा अंगूठे पर तिल होने का एक शुभ फल यह माना जाता है कि व्यक्ति विदेश यात्रा करेगा। लेकिन तिल अगर बायें पांव में हो तो ऐसे व्यक्ति बिना उद्देश्य जहां-तहां भटकते रहते हैं।