भोपाल

MCU- 50 एकड़ जमीन पर आकार ले रहा पत्रकारिता की पढ़ाई से जुड़ा ये नया भवन

– एमसीयू की नई ‘पाठशाला’, सबसे बड़ा फिल्म अध्ययन विभाग
– यहां प्रदेश की सबसे बड़ी लाइब्रेरी… नाम नालंदा पुस्तकालय

भोपालJun 02, 2022 / 01:26 pm

दीपेश तिवारी

भोपाल। मध्यप्रदेश राजधानी भोपाल के पास बिसनखेड़ी में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) का नया भवन आकार ले रहा है। 50 एकड़ वाला यह कैंपस देश के किसी भी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का पहला ऐसा परिसर है, जो इतने बड़े क्षेत्र में होगा। नए कैंपस का काम लगभग पूरा हो गया है।

अब उम्मीद जताई जा रही है कि नए शैक्षणिक सत्र से विद्यार्थियों को इसी कैंपस में पढ़ाई कराई जाएगी।

करीब 160 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस कैंपस में पढ़ाई-लिखाई और खेलकूद के साथ बैंकिंग तक की सुविधा होगी। यहां प्रदेश का सबसे बड़ा सभागार होगा। सबसे बड़ी लाइब्रेरी होगी। इसे नालंदा पुस्तकालय नाम दिया है। यहां मध्यभारत का सबसे बड़ा फिल्म अध्ययन विभाग भी होगा। पत्रकार कैफे की सुविधा भी रहेगी।

खास-खास: इनडोर बैंकिंग की सुविधा
विश्वविद्यालय के नए कैंपस में नेशनल म्यूजियम, इंटीग्रेटड क्लॉस रूम सहित विश्वस्तरीय ऑनलाइन क्लास की सुविधा होगी। यहां इंडोर बैंकिंग भी विद्यार्थियों को मिलेगी। बता दें, विश्वविद्यालय द्वारा पत्रकारिता, मास कम्युनिकेशन, पब्लिक रिलेशन, लाइब्रेरी एवं इनफॉर्मेशन साइंस और फोटोग्राफी से लेकर उच्च स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, वीडियोग्राफी, प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी आदि के कोर्स संचालित किए जाते हैं।

सीएम से उद्घाटन कराने की तैयारी
विश्वविद्यालय के कुलपति केजी सुरेश ने बताया, दो दिन पहले नए कैंपस का निरीक्षण किया है। हाउसिंग बोर्ड को जल्द से जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। ये तय है कि हम नए सत्र में नए कैंपस में जरूर प्रवेश करेंगे। काम पूरा होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उद्घाटन के लिए समय लिया जाएगा।

MCU (एमसीयू) को ऐसे समझें:
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का नाम भारत के विख्यात पत्रकार,कवि और स्वतंत्रता सेनानी, श्री माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर रखा गया है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित विश्वविद्यालय के निर्माण के पीछे मुख्य उद्देश्य देश में मास मीडिया के क्षेत्र में बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षण। मध्यप्रदेश विधानसभा की धारा 15 के तहत 1990 में विश्वविद्यालय की नींव पड़ी। जिसे यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने भी सहमति प्रदान की है।
आज विश्वविद्यालय द्वारा पत्रकारिता, मास कम्यूनिकेशन, पब्लिक रिलेशन, एडवर्टाइजिंग, लाइब्रेरी एवं इनफॉर्मेशन साइंस, फोटोग्राफी से लेकर उच्च स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रे़डियो, टेलीविज़न, सायबर जर्नलिज्म, वीडियोग्राफी, प्रिटिंग टेक्नोलॉजी एवं इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे विभिन्न कोर्स संचालित किये जाते हैं।
विश्वविद्यालय को कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी और भारतीय विश्वविद्यालय संगठन की सदस्यता भी प्राप्त है। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय मुक्त विश्वविद्यालय की श्रेणी में नहीं आता है जो कि दूरस्थ शिक्षा प्रदान करते हैं, विश्वविद्यालय पत्राचार द्वारा भी कोर्स संचालित नहीं करता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय को उन पंरपरागत विश्वविद्यालय की सूची में भी नहीं रखा जा सकता है जिनका कार्यक्षेत्र सीमित होता है, बल्कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय का क्षेत्र संपूर्ण भारत है, इसके कुलाधिपति भारत के उप-राष्ट्रपति होते हैं, यही नहीं वैश्वीकरण और शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के सिद्धांत को मानते हुए विश्वविद्यालय देश के बाहर भी शिक्षा का प्रसार कर रहा है।

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