दरअसल, मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के मामले में कांग्रेस भी बीजेपी से कम नही है। एमपी के गुना लोकसभा सीट पर बीएसपी उम्मीदवार को कांग्रेस ने डरा-धमकाकर जबर्दस्ती बैठा दिया है, किंतु बीएसपी अपने सिम्बल पर ही लड़कर इसका जवाब देगी और अब कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर भी पुनर्विचार करेगी।
गौरतलब है कि एमपी में सरकार चलाने के लिए 116 सीटों की जरूरत है। वहीं, कांग्रेस को 114 सीट, बीजेपी को 109, सपा 1, बसपा के 2 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस की सरकार यहां बीएसपी, सपा और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही हैं। हालांकि मायावती समर्थन वापस भी लेती हैं तो सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगी।
मायावती के तल्ख तेवर पर सीएम कमलनाथ ने कहा है कि बसपा और हमारा लक्ष्य एक ही हैं, भाजपा की विदाई। हमारा लक्ष्य एक, विचारधारा एक। उन्होंने कहा कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। यदि कोई गलतफहमी होगी तो उसे मिल बैठकर दूर कर लेंगे। हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है।
गौरतलब है कि गुणा सीट से कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया उम्मीदवार हैं। उनके खिलाफ बीएसपी के लोकेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। मायावती का आरोप है कि उनके उम्मीदवार को डराया जा रहा है। लोकेंद्र ने सिंधिया की मौजूदगी में सोमवार को कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी। साथ ही लोकेंद्र ने बीएसपी के सिम्बल पर नामांकन भी दाखिल कर दिया था।