आकर्षक एलईडी से सजी इस विशेष मटकी में रखा नारियल भी घूमेगा। मटकी क्रेन से करीब 50 फीट ऊंचा बांधी जाएगी। हिउस के सचिव रविन्द्र यति ने बताया कि इस बार मटकी फोड़ कार्यक्रम अब तक का सबसे भव्य आयोजन साबित होगा।
50 हजार दर्शक आएंगे
बंजारी दशहरा मैदान में होने वाले इस कार्यक्रम में करीब 50 से ज्यादा दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। शहर का यह पहला का आयोजन होगा जिसमें इतने लोग एक साथ मटकी फोड़ के साक्षी बनेंगे। इनमें दो हजार अति विशिष्ट और करीब पांच हजार विशिष्ट अतिथि भी शामिल रहेंगे। यही नहीं इनके लिए करीब 10 हजार दोपहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था भी की जाएगी।
बंजारी दशहरा मैदान में होने वाले इस कार्यक्रम में करीब 50 से ज्यादा दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। शहर का यह पहला का आयोजन होगा जिसमें इतने लोग एक साथ मटकी फोड़ के साक्षी बनेंगे। इनमें दो हजार अति विशिष्ट और करीब पांच हजार विशिष्ट अतिथि भी शामिल रहेंगे। यही नहीं इनके लिए करीब 10 हजार दोपहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था भी की जाएगी।
ड्रोन से होगी विशेष निगरानी
रविन्द्र यति के मुताबिक दर्शकों की अपार भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। मैदान के चप्पे चप्पे पर पुलिस और डॉग क्वायड की नजर रहेगी। ड्रोन से भी विशेष निगरानी की जाएगी ताकि असामाजिक तत्वों को रोका जा सके।
रविन्द्र यति के मुताबिक दर्शकों की अपार भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। मैदान के चप्पे चप्पे पर पुलिस और डॉग क्वायड की नजर रहेगी। ड्रोन से भी विशेष निगरानी की जाएगी ताकि असामाजिक तत्वों को रोका जा सके।
होगा सराउंड ईको साउंड
कार्यक्रम में पीछे बैठे दर्शकों को साफ आवाज सुनाई दे इसके लिए पहली बार ईको सराउंड साउंड का उपयोग किया जाएगा। खुले मैदानों में होने वाले कार्यक्रमों में पहली बार ईको सराउंड साउंड लगाया जा रहा है। दरअसल लाउडस्पीकर से जहां आवाज बहुत तेज होती है साथ ही साफ भी सुनाई नहीं देती। वहीं ईको सराउंड साउंड में आवाज साफ होने के साथ कानों को नुकसान भी नहीं पहुंचाती।
कार्यक्रम में पीछे बैठे दर्शकों को साफ आवाज सुनाई दे इसके लिए पहली बार ईको सराउंड साउंड का उपयोग किया जाएगा। खुले मैदानों में होने वाले कार्यक्रमों में पहली बार ईको सराउंड साउंड लगाया जा रहा है। दरअसल लाउडस्पीकर से जहां आवाज बहुत तेज होती है साथ ही साफ भी सुनाई नहीं देती। वहीं ईको सराउंड साउंड में आवाज साफ होने के साथ कानों को नुकसान भी नहीं पहुंचाती।