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कई रोगों का इलाज है ये पौधा, घर के करीब भी नहीं आ सकेंगे डेंगू-मलेरिया के मच्छर

कई रोगों की दवा माना जाता है मरुआ पौधा। इसकी खुशबू से घर में नहीं घुस सकेंगे डेंगू और मलेरिया के मच्छर

भोपालNov 16, 2019 / 07:33 pm

Faiz

health news

कई रोगों का इलाज है ये पौधा, घर के करीब भी नहीं आ सकेंगे डेंगू-मलेरिया के मच्छर

भोपाल/ बारिश का सीजन जाने के बाद बीमारियों के सीजन का आगमन हो जाता है। इसका बड़ा कारण घर में आने वाले मच्छर भी होते हैं। इन दिनों में आमतौर पर घरों में मच्छर या कई तरह के कीड़े दिखाई दे ही जाते हैं। इनके काटने या खाने पीने के सामान पर बैठने से घर के लोग बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इन दिनों राजधानी भोपाल में मलेरिया और डेंगू का प्रभाव काफी ज्यादा है। हालही में स्वास्थ विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में सिर्फ भोपाल में ही अब तक 1200 से अधिक मरीज डेंगू के पॉजिटिव सामने आ चुके हैं इनमें से एक पॉजिटिव की मृत्यु भी हो चुकी है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बता रहे हैं जिसका नाम भले ही सुनने में अजीब लगे, लेकिन इसकी गंध से मच्छर और जहरीले कीड़े आपके आसपास भी नहीं भटक पाएंगे।

तुलसी की प्रजाति के इस पौधे को ‘मरुआ’ नाम से जाना जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे ‘मरुआ दोना’ भी कहते हैं। इसकी पत्तियां कुछ बड़ी, नुकीली, मोटी, नरम और चिकनी होती हैं जिनमें से काफी तेज महक आती है। इसकी फुनगी पर कार्तिक अगहन में तुलसी के भांति मंजरी निकलती है, जिसमें छोटे-छोटे सफेद फूल खिलते हैं। मरुआ दो प्रकार का होता है, काला मरुआ और सफेद मरुआ। काले मरुए का प्रयोग औषधीय रूप में नहीं किया जाता, ये सिर्फ फूल आदि के साथ देवताओं पर चढ़ाने के काम आता है। वहीं, सफेद मरुआ अपने औषधीय गुणों के कारण मेडिसिन बनाने से लेकर कई स्वास्थ लाभों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

 

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घर में नहीं घुसेगा एक भी कीट-किटाणु

औषधीय चीजों के जानकार आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विनोद सरवटे के मुताबिक, इसे चरपरा, कड़ुआ, रूखा और रुचिकर तथा तीखा, गरम, हलका, पित्तवर्धक, कफ और वात का नाशक, विष, कृमि और कृष्ठ रोग नाशक माना गया है। ये जहां भी लगा होता है आस-पास के लोगों को डेंगू और मलेरिया होने का खतरा नही रहता। इसकी खुशबू से इन बीमारियों के मच्छर भाग जाते हैं। बारिश के बाद आमतौर पर इसका इस्तेमाल बढ़ जाता है। जितनी तीव्र इसकी महक होती है। उतनी ही दूर तक मच्छरों और जहरीले कीड़ों का बसेरा नही रहता। इससे कई तरह की औषधिय दवाईयां बनायी जाती हैं। अगर आप इस औषधीय गुणों से भरपूर पौधे को अपने घर के द्वार पर या ऐसे स्थान पर रखें जहां से हवा घर में प्रवेश करती है, तो इसकी खुशबू से आप जहरीले कीट किटाणुओं के प्रकोप से बच जाएंगे।

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