भोपाल

मराठी समाज ने कुलदेवता के रूप में की मल्हारी मार्तंड की पूजा, उड़ाई हल्दी, गूंजे जयकारे

चम्पा षष्ठी पर महाराष्ट्रीयन समाज के लोगों ने की मल्हारी मार्तंड की पूजा,
घरों में विशेष पूजा अर्चना- शास्त्री नगर साई मंदिर परिसर स्थित मल्हारी मार्तंड मंदिर में सुबह से रात्रि तक चले धार्मिक अनुष्ठान

भोपालDec 18, 2023 / 11:01 pm

प्रवीण सावरकर

चम्पा षष्ठी पर महाराष्ट्रीयन समाज के लोगों ने की मल्हारी मार्तंड की पूजा,


भोपाल. शहर में निवासरत मराठी समाज के लोगों ने चम्पा षष्ठी का पर्व सोमवार को श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। इसके साथ ही छह दिवसीय खंडोबा पूजा महोत्सव का समापन हो गया। चंपा षष्ठी पर घरों में विशेष पूजा अर्चना हुई, भगवान को भोग लगाया गया। इसी प्रकार शहर के शास्त्री नगर साई मंदिर परिसर में बने मंदिर में भी समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। इस दौरान मंदिर परिसर में येलकोट, येलकोट जय मल्हार के जयकारे गूंजते रहे।
मराठी परिवारों में श्रद्धालु छह दिनों तक कुलदेवता भगवान मल्हारी मार्तंड की पूजा आराधना करते हैं। यह पर्व नवरात्र की तरह मनाया जाता है। इसकी शुरुआत मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा से होता है और चम्पा षष्ठी तक चलता है। चम्पा षष्ठी पर विशेष पूजा अर्चना होती है। इस दौरान कई श्रद्धालु व्रत करते हैं और कई नियमों के साथ आराधना करते हैं।
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विशेष पूजा अर्चना के साथ लगाया भोग
शहर के साई मंदिर परिसर में मल्हारी मार्तंड का मंदिर है। यहां समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। सुबह कांकड़ आरती के साथ भगवान को जगाया गया। इसके बाद रूद्राभिषेक किया और षोड्षोपचार के साथ पूजा अर्चना की गई। हल्दी उड़ाई गई महापूजा हुई। श्रद्धालुओं ने येलकोट येलकोट जय मल्हार के जयकारे लगाए। शाम को भी यहां अनेक श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की, महाआरती हुई। इसके बाद रात्रि में गोंधल रात्रि जागरण का आयोजन किया, जो रात्रि तक चलता रहा। जिसमें लक्ष्मण नीले, विश्वास पाटिल आदि ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विधायक भगवानदास सबनानी, मंदिर की रंजना देशमुख, प्रिया गुप्ते, वंदना शिंदे, वसुधा खनके, संजय जोशी, अनीता मिश्रा सहित अनेक लोग मौजूद थे।
लगाया भोग, बैगन खाने की होगी शुरुआत

पूजन महोत्सव के अंतर्गत भगवान को ज्वार की भाकरी, बेगन का भर्ता, झुनका भाकर, ठेचा, पूरणपोली आदि का भोग लगाया गया। इस मौके पर घरों में श्रद्धालुओं ने सुख, समृदि्ध के लिए कामना की। समाज के संजय जोशी ने बताया कि इसे बैगन षष्ठी भी कहते हैं। चातुर्मास के दौरान चार महीने तक कई लोग बेगन, प्याज आदि नहीं खाते हैं। चंपा षष्ठी पर पूजा अर्चना के बाद बैगन, लहसून आदि खाने की शुरुआत होती है।

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