विशेष पूजा अर्चना के साथ लगाया भोग
शहर के साई मंदिर परिसर में मल्हारी मार्तंड का मंदिर है। यहां समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। सुबह कांकड़ आरती के साथ भगवान को जगाया गया। इसके बाद रूद्राभिषेक किया और षोड्षोपचार के साथ पूजा अर्चना की गई। हल्दी उड़ाई गई महापूजा हुई। श्रद्धालुओं ने येलकोट येलकोट जय मल्हार के जयकारे लगाए। शाम को भी यहां अनेक श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की, महाआरती हुई। इसके बाद रात्रि में गोंधल रात्रि जागरण का आयोजन किया, जो रात्रि तक चलता रहा। जिसमें लक्ष्मण नीले, विश्वास पाटिल आदि ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विधायक भगवानदास सबनानी, मंदिर की रंजना देशमुख, प्रिया गुप्ते, वंदना शिंदे, वसुधा खनके, संजय जोशी, अनीता मिश्रा सहित अनेक लोग मौजूद थे।
शहर के साई मंदिर परिसर में मल्हारी मार्तंड का मंदिर है। यहां समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। सुबह कांकड़ आरती के साथ भगवान को जगाया गया। इसके बाद रूद्राभिषेक किया और षोड्षोपचार के साथ पूजा अर्चना की गई। हल्दी उड़ाई गई महापूजा हुई। श्रद्धालुओं ने येलकोट येलकोट जय मल्हार के जयकारे लगाए। शाम को भी यहां अनेक श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की, महाआरती हुई। इसके बाद रात्रि में गोंधल रात्रि जागरण का आयोजन किया, जो रात्रि तक चलता रहा। जिसमें लक्ष्मण नीले, विश्वास पाटिल आदि ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विधायक भगवानदास सबनानी, मंदिर की रंजना देशमुख, प्रिया गुप्ते, वंदना शिंदे, वसुधा खनके, संजय जोशी, अनीता मिश्रा सहित अनेक लोग मौजूद थे।
लगाया भोग, बैगन खाने की होगी शुरुआत पूजन महोत्सव के अंतर्गत भगवान को ज्वार की भाकरी, बेगन का भर्ता, झुनका भाकर, ठेचा, पूरणपोली आदि का भोग लगाया गया। इस मौके पर घरों में श्रद्धालुओं ने सुख, समृदि्ध के लिए कामना की। समाज के संजय जोशी ने बताया कि इसे बैगन षष्ठी भी कहते हैं। चातुर्मास के दौरान चार महीने तक कई लोग बेगन, प्याज आदि नहीं खाते हैं। चंपा षष्ठी पर पूजा अर्चना के बाद बैगन, लहसून आदि खाने की शुरुआत होती है।