ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला ने बताया कि 2008 से 2017 तक सूर्य का राशि परिवर्तन 14 जनवरी की संध्याकाल में होता रहा था। इसलिए 14 जनवरी को मकर संक्रांति मान्य थी। इसके बाद छह वर्ष तक सूर्य का राशि परिवर्तन अनिश्चित होने से संक्रांति कभी 14 तो कभी 15 जनवरी को मनाई गई। अब ऐसा नहीं होगा। सूर्य का राशि परिवर्तन 56 वर्षों (2080) तक सुबह ही होगा। उन्होंने बताया कि 1936 से मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही थी। 1864 से 1936 तक 13 जनवरी और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मनाई जाती रही।
तीन साल में एक घंटे आगे बढ़ती है संक्रांति
ज्योतिषविदों के अनुसार, हर साल सूर्य के राशि परिवर्तन में 20 मिनट का विलंब होता है। इस प्रकार तीन वर्षों में यह अंतर एक घंटे का हो जाता है। 72 वर्ष में 24 घंटे का फर्क आ जाता है। सूर्य व चंद्रमा ग्रह मार्गीय होते हैं। यह पीछे नहीं चलते हैं। इसलिए एक दिन बढ़ जाता है। इस लिहाज से 2008 में ही 72 वर्ष पूरे हो गए थे।