मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ राजधानी के बड़वाले महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की। यहां उन्होंने भगवान का अभिषेक किया। राजधानी का सबसे प्राचीन मंदिर बाबा बटकेश्वर बड़वाले महादेव है, इसलिए यहां महाशिवरात्रि का मुख्य आयोजन हो रहा है।
शिवराज सिंह बोले- भगवान सबका कल्याण करें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़वाले महादेव मंदिर में पूजाअर्चना करने के बाद मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह भगवान की कृपा है कि कोरोना के कारण दो साल हम अच्छे से शिवरात्रि नहीं मना पाए। भोलेनाथ सबका कल्याण करें। प्रदेश में खुशहाली हो। चौहान ने कहा कि आज महाकाल बाबा की नगरी में 21 लाख दीयो से उज्जैन नगरी जगमगाएगी।
भोजेश्वर मंदिर में उमड़ा जन सैलाब
रायसेन जिले के भोजपुर मंदिर में इस बार भक्तों की ज्यादा भीड़ उमड़ी है। कोरोना के लगभग खत्म होने की स्थिति में सभी पाबंदियां हटा ली गई हैं। ऐसे में इस बार महाशिवरात्रि पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां मेला-सा नजारा है। मंदिर में अनुष्ठान किए जा रहे हैं। भोपाल के अलावा रायसेन, विदिशा, सीहोर, होशंगाबाद, हरदा से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां हर साल पचास हजार से डेढ़ लाख लोगों के उमड़ने का अनुमान रहता है, इसलिए यहां जाम को देखते हुए पुलिस ने बैरिकेडिंग व्यवस्था की गई है।
गाड़ियों की पार्किंग की यह व्यवस्था
भोजपुर में इतनी अधिक भीड़ को देखते हुए मंदिर से एक किमी दूर फोर व्हीलर की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। टू-व्हीलर की पार्किंग के लिए 4 से 5 स्पॉट बनाए गए हैं। मंदिर से 500 मीटर के दायरे में गाड़ियों की एंट्री रोक दी गई है। ताकि, जाम की स्थिति न बने।
मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग
भोजपुर का शिव मंदिर सबसे ऊंचे शिवलिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है। 22 फीट ऊंचा यह शिवलिंग दुनिया में सबसे ऊंचा और विशालतम है। यह इस मंदिर की पहली विशेषता है। यही नहीं, यह शिवलिंग एक ही पत्थर से बना है। पुजारी माखन गिरी गोस्वामी और अनूप बैरागी ने बताया, महाशिवरात्रि पर बाबा का 3 क्विंटल फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया है। एक दिन पहले ही बाबा का श्रृंगार किया। वहीं, महाशिवरात्रि पर सुबह 4 बजे से मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है।
भोपाल के इन मंदिरों में भी उमड़ा सैलाब
पुराने भोपाल के शाहजहांनी पार्क स्थित श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर सुबह से ही भक्तों की भीड़ है। यहां से भी भगवान की पालकी निकाली जाएगी और नगर भ्रमण करेंगे।
छोला विश्राम घाट पर विराजे मुक्तेश्वर महाकाल का फूलों से श्रंगार किया गया। गेंदा, गुलाब, सेवंती, बिल पत्र से बाबा का आकर्षक श्रंगार किया गया।
गोविंदपुरा स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में कलश यात्रा निकाली जा रही है। यहां बड़ी संख्या में नेपाली समाज के लोग सेवाकार्य में जुटे हुए हैं।
राजधानी के गुफा मंदिर में भी भक्तों का जमावड़ा है। यहां भी पूजा-अर्चना के साथ ही प्रसाद वितरण किया जा रहा है।