सुख-समृद्धि की कामना लिए दर व्यक्ति इस समय अपने घर की सफाई करता है, जिससे कि लक्ष्मी जी सदा के लिए घर में बनी रहें। वहीं इस बार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धनतेरस के अवसर पर माता लक्ष्मी धनों के देवता भगवान कुबेर और धन्वंतरित की पूजा-अर्चना कर लोग सुख समृद्धि की कामना करते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दिवाली से पहले खरीदारी के लिए महामुहूर्त बन रहा है। दरअसल गुरु पुष्य नक्षत्र 60 साल बाद शनि-गुरु की युति में आ रहा है। 28 अक्टूबर को शनि और गुरु की युति रहेगी, जिससे पुष्य नक्षत्र की शुभता बढ़ेगी। इस दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 33 मिनट से सुबह 09 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। ग्रह गोचर में पुष्य नक्षत्र के स्वामी और उपस्वामी की युति लगभग 60 साल बाद हो रही है। इससे पहले ऐसा शुभ संयोग साल 1961 में बना था। मान्यता है कि इस शुभ संयोग में खरीदारी करना उत्तम रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन क्या खरीदना चाहिए….
मिट्टी के दीपक
दिवाली रोशनी का ल्यौहार है और दीपक रोशनी का प्रतीक. वहीं दीपक के बिना दिवाली अधूरी मानी जाती है. ऐसे में धनतेरस के दिन ढेर सारे छोटे-छोटे दीपक घर पर खरीदकर लाएं.
लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां
दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है. धनतेरस के दिन लक्ष्मीऔर गणेश की मिट्टी की बनी मूर्तियां खरीद लें. ध्यान रखें कि भगवान गणेश की मूंढ़ बाईं तरफ होनी चाहिए और लक्ष्मी जी कमल के पुष्प पर बैठी हुई हों और उनके हाथों से धन गिर रहा हो.
सोने-चांदी की धातु
धनतेरस के मौके पर सोने या चांदी के सिक्के को खरीदना बहुत शुभ माना गया है।
झाडू
झाडू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस पर खरीदे गए झाडू का प्रयोग दिवाली की पूजा के बाद अगले दिन से करें. पुरानी झाडू को दिवाली के अगले दिन घर से बाहर कर दें.
गोमती चक्र
धनतेरस पर पांच गोमती चक्र खरीदें दिवाली के दिन गोमती चक्र मां लक्ष्मी को अर्पित करें और अगले दिन उन्हें तिजोरी या पैसों के स्थान पर रख दें।