फैसला 11 दिसंबर को…
किसी को वोटिंग प्रतिशत बढऩा खतरे की घंटी लग रहा है तो किसी को संजीवनी लग रहा है। हालांकि, इसका फैसला 11 दिसंबर को ही होगा। भाजपा के कई मंत्रियों के लिए यह चुनाव राजनीतिक कॅरियर दावं पर होने जैसा है। इसमें रुस्तम सिंह, राजेंद्र शुक्ल, ललिता यादव, लालसिंह आर्य, शरद जैन, बालकृष्ण पाटीदार सहित अन्य मंत्री शामिल हैं। इनकी हार होने पर अगला टिकट भी मुश्किल हो जाएगा।
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2013 में 73.58 फीसदी
2018 78.64 फीसदी जयस अध्यक्ष हीरालाल अलावा संगठन छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर मनावर से चुनाव लड़े हैं।
अजीत बौरासी, घट्टिया
2013 में 76.81 फीसदी
2018 में 80.34 फीसदी
पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के पुत्र अजीत बौरासी घट्टिया से भाजपा प्रत्याशी हैं। प्रेमचंद ने कांग्रेस छोड़कर पुत्र के साथ भाजपा ज्वॉइन की थी।
चौधरी राकेश सिंह, भिंड
2013 में 56.45 फीसदी
2018 में 58.56 फीसदी
भाजपा ने चौधरी राकेश सिंह को पुराने दलबदल का इनाम देने के लिए भिंड सीट से उतारा है। वे लगातार हाशिये पर चल रहे थे।
जयंत मलैया, दमोह
2013 में 72.03 फीसदी
2018 74.22 फीसदी
वित्तमंत्री जयंत मलैया दमोह से भाजपा प्रत्याशी हंै। इस बार उनके यहां एंटी-इंकम्बेंसी का असर है।
अजय विश्नोई, पाटन,
2013 में 77.50 फीसदी
2018 में 79.03 फीसदी
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई पिछली बार चुनाव हार गए थे। इस बार तमाम विरोध के बावजूद वे टिकट लेकर आए हैं।
समीक्षा गुप्ता, ग्वालियर दक्षिण
2013 में 57.39 फीसदी
2018 59.82 फीसदी
ग्वालियर की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ग्वालियर दक्षिण से निर्दलीय चुनाव लड़ी हैं। समीक्षा पहले भाजपा में थीं।
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