संघ की रिपोर्ट में नसीहत दी है कि पार्टी मध्यप्रदेश में व्यक्तिगत प्रहार और किसी एक व्यक्ति से जुड़े नारों का उपयोग लोकसभा चुनाव में करने से बचे। राष्ट्रीय संगठन ने भी संघ की इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश को लेकर लोकसभा की अपनी रणनीति में बदलाव शुरू किया है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अपने वरिष्ठ पदाधिकारी अरुण जैन के साथ ही मध्यभारत के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते की डïïï्यूटी विधानसभा चुनाव को लकर लगाई थी। संघ के इन दोनों पदाधिकारियों ने समय-समय पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं शिवराज सिंह चौहान, राकेश सिंह, सुहास भगत को बुलाकर बैठकें भी की थीं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी अपने भोपाल दौरे के दौरान दोनों नेताओं से मंत्रणा करने संघ के प्रांतीय कार्यालय समिधा पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक संघ पदाधिकारियों ने चुनाव प्रचार के दौरान ही माफ करो महाराज… जैसे चुनावी नारों का नकारात्मक फीडबैक भाजपा को बता दिया था। संघ ने इस मामले में कुशाभाऊ ठाकरे की प्रचार रणनीति का हवाला मौजूदा नेताओं को दिया था। इसमें वे कभी भी चुनावी नारे में विपक्षी पार्टी या विपक्षी दल के नेता का नाम शामिल नहीं करने की सलाह देते थे।
संघ की रिपोर्ट में नसीहत दी है कि पार्टी मध्यप्रदेश में व्यक्तिगत प्रहार और किसी एक व्यक्ति से जुड़े नारों का उपयोग लोकसभा चुनाव में करने से बचे। राष्ट्रीय संगठन ने भी संघ की इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश को लेकर लोकसभा की अपनी रणनीति में बदलाव शुरू किया है।
संघ की रिपोर्ट में नसीहत दी है कि पार्टी मध्यप्रदेश में व्यक्तिगत प्रहार और किसी एक व्यक्ति से जुड़े नारों का उपयोग लोकसभा चुनाव में करने से बचे। राष्ट्रीय संगठन ने भी संघ की इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश को लेकर लोकसभा की अपनी रणनीति में बदलाव शुरू किया है।