– शक्तिपुत्र महाराज
नशामुक्ति और शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। 2013 में भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के नाम से राजनीतिक पार्टी रजिस्टर्ड कराई थी। उनकी पार्टी के 52 प्रत्याशी उतारे थे, जिन्हें 0.23 प्रतिशत वोट मिले थे। उनकी भतीजी संध्या शुक्ल पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष हैं। शहडोल जिले के मऊ (ब्यौहारी) में भगवती मानव सेवा कल्याण आश्रम से उनकी धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों का संचालन होता है। इस बार भी प्रत्याशी उतारे जाने की तैयारी है।
– डॉ. अवधेशपुरी
रामचरित मानस में पीएचडी की है। समन्वय समिति के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद उज्जैन के महामंत्री रहे हैं। अवधेशपुरी भाजपा से उज्जैन दक्षिण सीट से दावेदारी कर रहे हैं। टिकट नहीं मिलने पर दूसरे दलों से भी भाग्य आजमा सकते हैं। हालांकि, टिकट तय नहीं हुआ है।
– योगी रविनाथ महिवाले
नाथ संप्रदाय से हैं। नर्मदा नदी में अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाने वाले योगी ने किसी पार्टी से टिकट नहीं मांगा है। वे रायसेन की उदयपुरा सीट से निर्दलीय चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं।
– महंत प्रताप गिरी
रायसेन की सिलवानी सीट से प्रचार अभियान छेड़े हुए हैं। उनकी प्राथमिकता भाजपा है, लेकिन टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस से भी लड़ सकते हैं। कांग्रेस भी टिकट नहीं देगी तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। वे किसी भी उत्पाद के पैकेट पर भगवान के फोटो के इस्तेमाल के खिलाफ अभियान चला चुके हैं।
– देवकीनंदन ठाकुर
उत्तरप्रदेश के कथावाचक हैं। बुधवार को अपनी पार्टी का ऐलान किया। प्रदेश की कई सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी की है। उत्तरप्रदेश के कई शहरों में कथा के दौरान उन्होंने एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन पर नाराजगी जाहिर की। इससे आगरा में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। दतिया के पीतांबरा पीठ के दर्शन के दौरान राजनीतिक नारेबाजी पर प्रशासन ने उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। ठाकुर दतिया से चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं।
– खड़ेश्वरी बाबा
सिवनी जिले के संत खड़ेश्वरी बाबा के चुनाव मैदान में उतरने का दांव कंप्यूटर बाबा ने चला था। राज्यमंत्री का दर्जा मिलते ही वे सिवनी जिले के दौरे के दौरान खड़ेश्वरी के चुनाव लडऩे की पैरोकारी की थी। उन्होंने केवलारी सीट से चुनाव लडऩे का मन बनाया है। अब वे भाजपा से दूर जा चुके हैं।
– रामसिया भारती
बचपन से ही प्रवचनकार हैं। उन्हें रामचरित मानस कंठस्थ है। उमा भारती की तरह भगवावेषधारी हैं। वे बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की दावेदार हैं। बड़ामलहरा में सक्रिय भी हैं। रामसिया भारती कभी स्कूल नहीं गईं।
नशामुक्ति और शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। 2013 में भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के नाम से राजनीतिक पार्टी रजिस्टर्ड कराई थी। उनकी पार्टी के 52 प्रत्याशी उतारे थे, जिन्हें 0.23 प्रतिशत वोट मिले थे। उनकी भतीजी संध्या शुक्ल पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष हैं। शहडोल जिले के मऊ (ब्यौहारी) में भगवती मानव सेवा कल्याण आश्रम से उनकी धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों का संचालन होता है। इस बार भी प्रत्याशी उतारे जाने की तैयारी है।
– डॉ. अवधेशपुरी
रामचरित मानस में पीएचडी की है। समन्वय समिति के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद उज्जैन के महामंत्री रहे हैं। अवधेशपुरी भाजपा से उज्जैन दक्षिण सीट से दावेदारी कर रहे हैं। टिकट नहीं मिलने पर दूसरे दलों से भी भाग्य आजमा सकते हैं। हालांकि, टिकट तय नहीं हुआ है।
– योगी रविनाथ महिवाले
नाथ संप्रदाय से हैं। नर्मदा नदी में अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाने वाले योगी ने किसी पार्टी से टिकट नहीं मांगा है। वे रायसेन की उदयपुरा सीट से निर्दलीय चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं।
– महंत प्रताप गिरी
रायसेन की सिलवानी सीट से प्रचार अभियान छेड़े हुए हैं। उनकी प्राथमिकता भाजपा है, लेकिन टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस से भी लड़ सकते हैं। कांग्रेस भी टिकट नहीं देगी तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। वे किसी भी उत्पाद के पैकेट पर भगवान के फोटो के इस्तेमाल के खिलाफ अभियान चला चुके हैं।
– देवकीनंदन ठाकुर
उत्तरप्रदेश के कथावाचक हैं। बुधवार को अपनी पार्टी का ऐलान किया। प्रदेश की कई सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी की है। उत्तरप्रदेश के कई शहरों में कथा के दौरान उन्होंने एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन पर नाराजगी जाहिर की। इससे आगरा में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। दतिया के पीतांबरा पीठ के दर्शन के दौरान राजनीतिक नारेबाजी पर प्रशासन ने उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। ठाकुर दतिया से चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं।
– खड़ेश्वरी बाबा
सिवनी जिले के संत खड़ेश्वरी बाबा के चुनाव मैदान में उतरने का दांव कंप्यूटर बाबा ने चला था। राज्यमंत्री का दर्जा मिलते ही वे सिवनी जिले के दौरे के दौरान खड़ेश्वरी के चुनाव लडऩे की पैरोकारी की थी। उन्होंने केवलारी सीट से चुनाव लडऩे का मन बनाया है। अब वे भाजपा से दूर जा चुके हैं।
– रामसिया भारती
बचपन से ही प्रवचनकार हैं। उन्हें रामचरित मानस कंठस्थ है। उमा भारती की तरह भगवावेषधारी हैं। वे बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की दावेदार हैं। बड़ामलहरा में सक्रिय भी हैं। रामसिया भारती कभी स्कूल नहीं गईं।