सीएम मोहन ने कहा कि प्रदेशभर के स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र खेती-बाड़ी की पृष्ठभूमि वाले परिवारों से आते हैं। ऐसे में इन विषयों पर पढ़ाई शुरु होने से छात्रों का स्कूलों और पढ़ाई से और अधिक जुड़ाव होगा और अध्ययन-अध्यापन परिवार के लिए अधिक उपयोगी बन सकेगा।
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सीएम राइज स्कूलों से शुरुआत
सीएम राइज स्कूलों में इन विषयों की पढ़ाई प्राथमिकता पर आरंभ की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन कक्षाओं में संकाय व्यवस्था के स्थान पर छात्रों को अपनी रुचि और प्राथमिकता के आधार पर विषय चुनने की व्यवस्था भी की जाए। ये व्यवस्था उच्च शिक्षा में लागू हो चुकी है, स्कूल स्तर पर ये व्यवस्था क्रियान्वित करने के लिए शिक्षाविदों, शिक्षकों, स्वयंसेवी संस्था तथा विषय-विशेषज्ञों की टास्क फोर्स गठित की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में सी.एम. राइज स्कूलों के संचालन की बैठक में उक्त निर्देश दिए। जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित अधिकारी उपस्थित थे।हर विकासखंड में एक आई.टी.आई स्थापित हो
मुख्यमंत्री यादव के अनुसार, जनजातीय इलाकों के साथ साथ ग्रामीण अंचल में प्राथमिकता के आधार पर सी.एम. राइज स्कूल शुरु हों और इन स्कूलों में शिक्षकों और स्टाफ के लिए जरूरी तौर पर आवास भी हों। इस संबंध में भारत सरकार से भी मदद लेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से प्रत्येक विकासखंड में एक आई.टी.आई. स्थापित करने की दिशा में प्रयास हों, जिन विकासखंडों में आई.टी.आई. नहीं है, वहां निजी इलाकों की पहल से सुविधा उपलब्ध कराने की रणनीति बनाई जाए। आगामी इंडस्ट्रियल समिट में भी इस दिशा में इच्छुक निवेशकों से चर्चा की जाए। यह भी पढ़ें- मंदिर में डकैती, पुजारी को बनाया बंधक, दानपेटी के साथ भगवान के आभूषण लूटकर ले गए बदमाश