सीएम चौहान ने बुरहानपुर में मसाला फसलों के उत्पादन, प्र-संस्करण और प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला अपने निवास कार्यालय से वचुअली संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में उपलब्धि दर्ज की गई है। इसमें सिंचाई सुविधाओं के विस्तार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिंचाई का रकबा खहने से उत्पादन अधिक हुआ है।
यह भी पढ़ें- जिला अस्पताल की बड़ी सफलता : बच्चे के स्क्रोटम में फंसी थी 30 MM की पथरी, किया सफल ऑपरेशन
फल, फूल और औषधियों की खेती को प्रोत्साहित करने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने बताया कि, मध्य प्रदेश ने गेहूं के उत्पादन में देश में पहले नंबर खुद को स्थापित किया है। बुरहानपुर जिला नगदी फसल लेने वाला जिला माना जाता है। यहां फल, फूल और औषधियों की खेती को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने ने कहा कि, मसालों के उत्पादन में देश का विश्व में सदियों से नाम रहा है। दुनिया के कई देश में भारत से मसाले जाते रहे हैं, इसमें दक्षिण के राज्य आगे रहे हैं। अब जिस गति से मध्य प्रदेश में मसालों की खेती हो रही है, उससे निश्चित ही बुरहानपुर समेत प्रदेश भी मसालों के निर्यात में अपना विशेष स्थान बनाएगा। इसके लिए उन्नत तकनीक का उपयोग कर उत्पादन के साथ पैकेजिंग, क्लालिटी कंट्रोल, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान देना जरूरी है। किसानों के साथ शासकीय एजेंसी और कृषि विशेषज्ञों को को भी समन्वय बनाना होगा।
गौ-मूत्र से बनने वाले कीटनाशक का इस्तेमाल सुरक्षित- शिवराज
सीएम ने कहा कि, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देना समय की जरूरत भी है। खेती में कीटनाशक और फर्टिलाइजर के बढ़ते उपयोग से मानव स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।पशुपालन और खेती को समन्वित कर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा सकता है। पारम्परिक रूप से बनने वाली गोबर की खाद और गौ-मूत्र से बनने वाले कीटनाशक का उपयोग फसलों के लिए सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, मुझे विश्वास है कि, मसालों की खेती के साथ प्राकृतिक खेती में भी बुरहानपुर अपना विशेष स्थान हासिल करेगा।
यह भी पढ़ें- गैस कटर से काटी बैंक की तिजोरी, 8 लाख लेकर फरार हुए बदमाश, हैरान कर देने वाली तस्वीर CCTV में कैद
कार्यशाला में शामिल हुए ये लोग
कार्यशाला में सासद ज्ञानेश्वर पाटित, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस समेत जन-प्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हुए। साथ ही, बुरहानपुर के प्रभारी एवं प्रशुपालन एवं डेयरी तथा सामाजिक न्याय मत्री प्रेम सिंह पटेल कार्यशाला मे वर्चुअली शामिल हुए। दो दिवसीय कार्यशाला मे स्पाइस बोर्ड कैरल और भारतीय मसाला अनुसंधान केन्द्र कैरल के विशेषज्ञ शामिल हुए।
यहां आने से बदल गई बड़े बड़ों की किस्मत, आज भी होते हैं चमत्कार, देखें वीडियो