एमपी-एवीजीसी एक्सआर एसोसिएशन ने नीति का खाका बनाया है। सरकार ने इसे पब्लिक कंसल्टेशन के लिए एमपीएसईडी की वेबसाइट पर अपलोड किया है। नीति लागू होने पर ऐसा करने वाला एमपी 5वां राज्य होगा। 2029 तक मप्र में 250 एनिमेशन स्टूडियो होंगे। एवीजीसी-एक्सआर इंडस्ट्री में एक्सपोर्ट रेवेन्यू का 8% एमपी से होगा।
ये होंगे फायदे
युवाओं को प्रदेश से बाहर काम करने नहीं जाना पड़ेगा। देश-दुनिया से आने वाले काम भी एमपी में हो सकेंगे। एमपी फिल्मों का प्राइम लोकेशन बन रहा, नए सेक्टर को मदद मिलेगी।
2029 तक 150 स्टार्टअप-250 स्टूडियो
एमपी-एवीजीसी एक्सआर एसोसिएशन के फाउंडर चेयरमैन मनीष राजौरिया ने बताया, केंद्र काम कर रहा है। एमपी की नीति का खाका एसोसिएशन ने बनाया है। अभी प्रदेश में अच्छे स्टूडियो एनिमेशन और वीडियो के क्षेत्र में काम हो रहा है। इस पॉलिसी के बाद आइटी पार्क जैसे एवीजीसी इन्क्यूबीशन सेंटर और सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस बनेंगे। इस क्षेत्र में स्टार्टअप को दिशा मिलेगी। पॉलिसी के ड्राफ्ट के अनुसार 2029 तक एमपी में एवीजीसी-एक्सआर से जुड़े 150 स्टार्टअप शुरू हो सकते हैं।
4 राज्यों से लागू, एमपी में 6 सेगमेंट
एसोसिएशन के सचिव संजय खिमसेरा की मानें तो केंद्र ने एवीजीसी पर 2022 में नीति बनाई थी। यह चार राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और केरल में लागू है। अब एमपी पांचवां राज्य होगा। एमपी की नीति में एवीजीसी क्षेत्र में 6 एरिया पर फोकस किया गया है। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, टैलेंट और स्किल डेवलपमेंट, इनोवेशन एंड रिसर्च, कंटेंट क्रिएशन और आइपी डेवलपमेंट, स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप और एक अन्य क्षेत्र है।
एमपी में ही बनेंगे मोटू-पतलू और बाहुबली तक के कार्टून
अभी इंदौर, भोपाल, सीहोर, दमोह, सागर, जबलपुर, ग्वालियर में वीडियो-एनिमेशन स्टूडियो काम कर रहे हैं। पॉलिसी के आने के बाद एमपी में 2029 तक 250 एवीजीसी एक्सआर की कंपनी और एमएनसी भी आएंगी। इनमें मोटू-पतलू, भीम, बाहुबली जैसी वीएफएक्स से भरपूर कार्टून और फिल्में बन सकेंगी।