दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान में 300 रुपये किलो टमाटर बिक रहे हैं। पाकिस्तान अब टमाटर के लिए तरस रहा है। पुलवामा हमले के दौरान भी पाकिस्तान को मध्यप्रदेश के किसानों ने सबक सिखाया था। मध्यप्रदेश के जिन जिलों में सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन होता है, वहां के किसानों ने पाकिस्तान को टमाटर भेजने से इनकार कर दिया था।
उन किसानों के इस फैसले का स्वागत मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने भी किया था। सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था कि पुलवामा हादसे व आतंकी घटनाओं के विरोध में झाबुआ जिले के पेटलावद तहसील के किसान भाइयों द्वारा अपने मुनाफ़े की परवाह ना कर पाकिस्तान टमाटर नहीं भेजने के निर्णय को सलाम करता हूं, देशभक्ति से भरे इस जज़्बे की प्रशंसा करता हूं।
इन जिलो में जाता है टमाटर
मध्यप्रदेश के कई जिलों टमाटर का खूब उत्पादन होता है। यहां की मंडियों से यह टमाटर दिल्ली और मुंबई जाता है। उसके बाद वहां से पाकिस्तान पहुंचता है। राज्य के रतलाम, झाबुआ, खरगोन, शाजापुर और धार जिले में टमाटर का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। इन्हीं जिलों का टमाटर पाकिस्तान पहुंचता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार व्यापारिक संबंध टूटने के बाद भारत से टमाटर की सप्लाई पाकिस्तान में नहीं हो रही है। पहले हर दिन करीब पचास से सौ ट्रक टमाटर पाकिस्तान जाता था।
मध्यप्रदेश के कई जिलों टमाटर का खूब उत्पादन होता है। यहां की मंडियों से यह टमाटर दिल्ली और मुंबई जाता है। उसके बाद वहां से पाकिस्तान पहुंचता है। राज्य के रतलाम, झाबुआ, खरगोन, शाजापुर और धार जिले में टमाटर का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। इन्हीं जिलों का टमाटर पाकिस्तान पहुंचता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार व्यापारिक संबंध टूटने के बाद भारत से टमाटर की सप्लाई पाकिस्तान में नहीं हो रही है। पहले हर दिन करीब पचास से सौ ट्रक टमाटर पाकिस्तान जाता था।
पाकिस्तानियों को पसंद है पेटलावद का टमाटर
पाकिस्तान के लोगों को मध्यप्रदेश के पेटलावाद का टमाटर सबसे ज्यादा पसंद है। यहां टमाटर की अच्छी उत्पादन होती है। यहां के टमाटर चटक लाल रंग के होते हैं। इन टमाटर के खट्टे-मीठे स्वाद की वजह से इसे पाकिस्तान में खूब पसंद किया जाता है। एक टमाटर का वजन 50 से 150 ग्राम का होता है। साथ ही दूसरे जगह के लिए यह अनुकूल होता है।
पाकिस्तान के लोगों को मध्यप्रदेश के पेटलावाद का टमाटर सबसे ज्यादा पसंद है। यहां टमाटर की अच्छी उत्पादन होती है। यहां के टमाटर चटक लाल रंग के होते हैं। इन टमाटर के खट्टे-मीठे स्वाद की वजह से इसे पाकिस्तान में खूब पसंद किया जाता है। एक टमाटर का वजन 50 से 150 ग्राम का होता है। साथ ही दूसरे जगह के लिए यह अनुकूल होता है।
ऐसे पहुंचता है टमाटर
बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के पेटलावाद से टमाटर पर दिल्ली मंडी पहुंचता है। यहां से पठानकोट के रास्ते ट्रक से पाकिस्तान भेजाता है। लेकिन अभी वहां हिंदुस्तान से टमाटर की सप्लाई नहीं हो रही है। अगर ज्यादा दिनों तक टमाटर वहां नहीं पहुंचा तो पाकिस्तान टमाटर खाने के लिए तरसेगा।
बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के पेटलावाद से टमाटर पर दिल्ली मंडी पहुंचता है। यहां से पठानकोट के रास्ते ट्रक से पाकिस्तान भेजाता है। लेकिन अभी वहां हिंदुस्तान से टमाटर की सप्लाई नहीं हो रही है। अगर ज्यादा दिनों तक टमाटर वहां नहीं पहुंचा तो पाकिस्तान टमाटर खाने के लिए तरसेगा।