भोपाल

घमासान के बीच कमलनाथ बोले- सीएम पद को लेकर कोई विरोध नहीं, अच्छे से चल रही है सरकार

मध्यप्रदेश कांग्रेस में चल रही आपसी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ को सामने आना पड़ा है। उन्होंने बुधवार को कहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विरोधाभास नहीं है।

भोपालSep 04, 2019 / 03:15 pm

Manish Gite

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में चल रही आपसी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ को सामने आना पड़ा है। उन्होंने बुधवार को कहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विरोधाभास नहीं है। सरकार अच्छे से चल रही है।

 

मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी में अंतरकलह खुलकर सामने आ चुकी है। कमलनाथ, सिंधिया और दिग्विजय गुट अपने-अपने खेमे में बंटे हुए हैं। हाल ही में कमलनाथ सरकार के वन मंत्री एवं धार जिले की गंधवानी विधानसभा के विधायक उमर सिंघार ने दिग्विजय सिंह पर अनेक आरोप लगाकर राजनीति गर्मा दी। उन्होंने दिग्विजय सिंह पर सरकार को ब्लैकमेल करने, अवैध खनन, शराब कारोबारियों की मदद और पोस्टिंग में भी दबाव डालने के आरोप लगाए थे। इसके बाद से ही प्रदेश में तीनों नेताओं में अंदरुनी जंग चल रही है।

 

खींचतान के बीच सामने आए कमलनाथ
कांग्रेस में चल रही अंदरुनी खींचतान के बीच भाजपा ने भी मुख्यमंत्री पद को लेकर तंज कसे। जिस पर पलटवार करते हुए सीएम कमलनाथ ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि बीजेपी यह जान लें कि प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विरोधाभास नहीं है। प्रदेश की जनता ने, पार्टी ने व विधायकों ने उन पर विश्वास कर यह जवाबदारी सौंपी है और अपने दायित्वों व कर्तव्यों का पहले दिन से पूरी ईमानदारी व निष्ठा से वे निर्वहन कर रहे हैं, इसमें वह सक्षम भी है। नाथ ने कहा कि विभिन्न विभागों के केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य करने का उनके पास पर्याप्त अनुभव है, लेकिन उसके बावजूद भी प्रदेश हित में सभी से समय-समय पर सलाह-मशविरा लेने का कार्य वे करते रहते हैं।

 

 

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दिग्विजय सिंह को साधा
कमलनाथ ने यह भी कहा कि दिग्विजय सिंह प्रदेश के 10 वर्ष मुख्यमंत्री रहे हैं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके अनुभव का लाभ प्रदेश हित में लेने के लिए उनसे भी वह समय-समय पर सलाह-मशविरा करते रहते हैं। उनसे ही नहीं प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों से भी वे समय-समय पर सलाह-मशविरा प्रदेश हित में करते रहते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से भी समय-समय पर मार्गदर्शन लेते रहते हैं।


मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यहां तक कि देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी वे प्रदेश की योजनाओं, प्रदेश के विकास के रोडमैप को लेकर चर्चा, सलाह-मशविरा करते रहते हैं। चर्चा-संवाद, सलाह लेने को वे गलत नहीं मानते। उनका तो यह मानना है कि व्यक्ति को हर उम्र में जहाँ से ज्ञान, सलाह मिल सके लेते रहना चाहिए। ज्ञान व सलाह लेने से व्यक्ति कभी छोटा या बड़ा नहीं होता। प्रदेश हित में अपने मंत्रियों व विधायकों से भी सलाह- मशविरा लेने में वे पीछे नहीं हटते हैं। कमलनाथ ने कहा कि उनके लिए प्रदेश हित व प्रदेश का विकास ही सर्वोच्च प्राथमिकता है।

 

भाजपा को दिया यह जवाब
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा का यह आरोप कि प्रदेश की सरकार कौन चला रहा है, यह पूरी तरह से निराधार होकर भ्रांति फैलाने वाला है। मुख्यमंत्री के नाते प्रदेश की बागडोर उनके हाथ में है। इस दायित्व के संबंध में और अपने कर्तव्य के निर्वहन में वे पूरी तरह से सक्षम हैं।

 

भाजपा में होते हैं रिमोट कंट्रोल
यह जरूर सच है कि भाजपा में सरकार के दौरान कई पावर सेंटर होते हैं, जो रिमोट कंट्रोल की तरह सरकार को चलाते हैं, लेकिन कांग्रेस में ऐसा कुछ नहीं है।

 

गिरेंगे नहीं, आगे बढ़ेंगे
कमलनाथ ने अपने मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा के हवाले से जारी बयान में कहा कि भाजपा की ओर से इस तरह की बातें कर, प्रदेश सरकार द्वारा मात्र 8 माह में जनहित में निरंतर लिए जा रहे क्रांतिकारी निर्णयों व कार्यों से प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने व उन्हें गुमराह करने का असफल प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हम डिगेंगे नहीं, गिरेंगे नहीं, कर्तव्य के पथ पर ओर ताकत व मजबूती से अग्रसर होंगे।

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