वहीं, लालजी टंडन बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उन्हें सत्यपाल मलिक के जम्मू-कश्मीर जाने के बा बिहार का गर्वनर बनाया गया था। लालजी बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। साथ ही लखनऊ से सांसद भी रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी भी थे।
हालांकि लालजी टंडन को मध्यप्रदेश के राज्यपाल बनाए जाने के पीछे सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले लालजी टंडन भाजपा सरकारों में मंत्री भी रहे हैं। वहीं, साड़ी बांटने को लेकर वो विवादों में भी रहे हैं। वहीं, 84 साल के लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 को हुआ है।
दरअसल, केंद्र सरकार की सहमति से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छह राज्यों के राज्यपाल बदले हैं। इनमें सबसे बड़ा बदलवा उत्तर प्रदेश के लिए है। वहां के रामनाईक की जगह मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजा गया है। आनंदीबेन पटेल 19 जनवरी 2018 को मध्यप्रदेश की राज्यपाल बनाई गईं थी। आनंदीबेन पटेल से पहले ओम प्रकाश कोहली मध्यप्रदेश के राज्यपाल थे।
वहीं, आनंदीबेन पटेल मध्यप्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल थीं। इनसे पहले सरला ग्रेवाल मार्च 1989 से फरवरी 1990 तक मध्यप्रदेश की राज्यपाल रही थीं। इसके साथ ही लालजी टंडन मध्यप्रदेश के 28वें राज्यपाल होंगे।
2009 में बने थे सांसद
मध्यप्रदेश के नए राज्यपाल लालजी टंडन की बात करें तो वे बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक रहे हैं। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से संन्यास लेने के बाद लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से वह पहली बार 2009 में चुनाव लड़े और जीतकर संसद पहुंचे। 2014 में लालजी टंडन की जगह लखनऊ से राजनाथ सिंह चुनाव लड़े। चुनावी राजनीति से हटने के बाद ही लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया था।
मध्यप्रदेश के नए राज्यपाल लालजी टंडन की बात करें तो वे बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक रहे हैं। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से संन्यास लेने के बाद लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से वह पहली बार 2009 में चुनाव लड़े और जीतकर संसद पहुंचे। 2014 में लालजी टंडन की जगह लखनऊ से राजनाथ सिंह चुनाव लड़े। चुनावी राजनीति से हटने के बाद ही लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया था।