आपको बता दें कि, हालही में मध्य प्रदेश के करीब 20 जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि की जानकारी सामने आई है। 6 से 8 मार्च के बीच हुई बारिश के दौरान पहले फेस का सर्वे पूरा किया जा चुका है। इसके बाद 16 से 19 मार्च तक बीच हुई बारिश का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। सभी जगह सर्वे दल गठित हो चुके हैं और सर्वे का काम किया जा रहा है। सर्वे दल में राजस्व, कृषि और पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शामिल हैं।
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सीएम के अफसरों को निर्देश
सोमवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज ने अफसरों को निर्देश दिए कि, मध्य प्रदेश सरकार किसान भाई बहनों के साथ खड़ी है। सर्वे में लापरवाही ना हो, पूरी ईमानदारी से सर्वे किया जाए और किसी भी प्रकार की कोई गलती ना करें। रिवेन्यू, कृषि और पंचायत विकास के अमले को सर्वे में एक साथ शामिल करें। सर्वे पूरा होने के बाद सूची को पंचायत के दफ्तर में लगाया जाए।
25 मार्च तक पूरा होगा फसल सर्वे
इस दौरान मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि, सर्वे कार्य पूरा होने के बाद भी अगर किसी किसान की ओर से आपत्ति दर्ज की जाती है तो उसका भी निराकरण किया जाए। पूरी ट्रांसपेरेंसी के साथ, संवेदना के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के साथ है। आरबीसी 6-4 के अंतर्गत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। पशु हानि की भी सूचना आई है। पशु हानि के भी नुकसान की भरपाई मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ही की जाएगी। फसल सर्वे का पूरा काम 25 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।