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GI TAG विवाद : बासमती चावल से अब राजनीतिक दल पका रहे खिचड़ी

बासमती से पक रही राजनीतिक दलों की खिचड़ी।

भोपालAug 08, 2020 / 03:00 pm

Faiz

GI TAG विवाद : बासमती चावल से अब राजनीतिक दल पका रहे खिचड़ी

भोपाल/ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बासमती चावल (Basmati Rice) को जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग (GI Tag) मिलने के मामला पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के बाद से गर्मा गया है। चिट्ठी के जवाब में अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को भी एक पत्र लिखा है, इसमें शिवराज ने पंजाब सीएम की ओर से पीएम को लिखी चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा कि, एमपी के बासमती को GI टैग से पाकिस्तान को फायदा मिलने की बात पूरी तरह गलत है। शिवराज ने कहा कि, कैप्टन द्वारा पीएम को लिखी चिट्ठी किसान विरोधी चरित्र को दर्शाती है।

 

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पूर्व की कमलनाथ सरकार भी किसान विरोधी- शिवराज

सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सीएम शिवराज ने एमपी में किसानों की कर्ज माफी का जिक्र करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) पर भी निशाना साधा। सीएम ने लिखा कि, एमपी में किसान कर्ज माफी को कमलनाथ ने मजाक बना दिया। प्रदेश के किसानों से कर्जमाफी का लोकलुभावन वादा किया गया, लेकिन उनका कर्ज माफ नहीं किया गया। सीएम ने पत्र में सवाल किया कि, एमपी के किसानों से कांग्रेस की क्या दुश्मनी है? शिवराज ने दावा किया कि, एमपी के बासमती को GI टैग मिलने से देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

 

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कमलनाथ ने किया पलटवार

सीएम शिवराज द्वारा सोनिया गांधी को लिखे पत्र का पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी जवाब दिया। कमलनाथ ने कहा, ‘यह तो बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री के नाम लिखे पंजाब के मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री सोनिया गांधी को लिख रहे है? इसी से समझा जा सकता है कि, उनको इस मामले में कितनी समझ है? उन्हें सिर्फ राजनीति करनी है, किसान हित से व प्रदेश हित से उनका कोई लेना-देना नहीं है। अगर वो अपनी पिछली सरकार में इसके लिए ठोस प्रयास कर लेते तो शायद आज प्रदेश के किसानों को अपना हक मिल चुका होता। लेकिन उस समय भी कुछ नहीं किया और अब भी सिर्फ राजनीति। बेहतर हो कि वे सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश के किसानों के हित में इस मामले में सारे तथ्य रखकर इस लड़ाई को ठोस ढंग से लड़ें।

 

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कमलनाथ ने उठाया सवाल

कमलनाथ ने कहा कि, ये सिर्फ कांग्रेस और भाजपा का मामला नहीं है, यह केन्द्र सरकार का विषय है। वहां के मुख्यमंत्री अपने प्रदेश के किसानो का हक देख रहे हैं, हमें अपने प्रदेश के किसानों का हक देखना है। मद्रास हाई कोर्ट से 27 फरवरी 2020 को याचिका खारिज होने के बाद हमने 3 मार्च 2020 को ही इस मामले में बैठक बुलाई और प्रधानमंत्री व देश के कृषि मंत्री को पत्र लिखा, लेकिन शिवराज तो उस समय सरकार गिराने में लगे थे। 23 मार्च से आज तक शिवराज सरकार ने इस मामले मे क्या किया, ये भी सामने लाएं?

 

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ये है मामला

मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिये जाने की प्रक्रिया जारी है। इसे लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मध्य प्रदेश के बासमती चावल की जीआई टैगिंग देने पर सवाल उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखते हुए दावा किया कि, अगर मध्य प्रदेश को जीआई टैग दिया गया तो इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान को फायदा होगा। कैप्टन ने एमपी के बासमती चावल को जीआई टैग न देने की अपील की है। हालांकि, इसपर सीएम शिवराज ने नाराजगी जाहिर करते हुए कैप्टन से सवाल किया है कि, अगर एमपी का बासमती जीआई टैग मापदंडों पर नहीं उतरता, तो पंजाब-झारखंड के व्यापारी एमपी के किसानों से बासमती खरीदकर अपने जीआई टैग के जरिये अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्यों बेचते हैं?

 

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