श्री दुर्गम्मा सिर्फ 600 रुपए जबकि मेसर्स इंक्युबेट सॉफ्टटेक तीन अलग-अलग कैटेगिरी के पास बना रही थी। पास सुविधा बंद होने से यात्रियों को प्रतिदिन पूरा किराया देकर सफर करने मजबूर होना पड़ रहा है। बीसीएलएल की ओर से मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बीते कई महीने से बोर्ड मीटिंग तक नहीं हुई है।
बस ऑपरेटर अपने हिसाब से काम कर रहे हैं। मैंने अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पास सुविधा को दोबारा चालू कराया जाएगा।- मनोज राठौर, डायरेक्टर, बीसीएलएल
निगम ने सब्सिडी बंद की, इसलिए नुकसान
नगर निगम ने बस ऑपरेटर्स को सब्सिडी देना बंद कर दी है इसलिए ऑपरेटर्स ने भी 800 रुपए हर महीने में बनने वाले कॉमन रियायती पास बनाना बंद कर दिए हैं। प्रदेश के दूसरे शहरों में चलने वाली लो-फ्लोर बसों के ऑपरेटर्स को वहां की निगम सब्सिडी दे रही है। एक ही प्रदेश में दो अलग-अलग नियम होने से ऑपरेटर्स भोपाल में बस संचालन से कतरा रहे हैं। पास सुविधा देने पर ऑपरेटर को होने वाले घाटे की भरपाई सब्सिडी से की जा रही थी। बसों में रोजाना सफर करने वाले स्टूडेंट्स, घरेलू कामकाजी महिलाओं सहित अन्य लोग सफर करते हैं।