मध्यप्रदेश में हाल ही में भाजपा ने जो फार्मूला अपनाया था, उसे लोकसभा चुनाव में भी अपनाने की तैयारी चल ही है। क्योंकि भाजपा ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में 18 सांसदों को विधानसभा में उतारा था, जिनमें से चार केंद्रीय मंत्री थे। इनके परिणाम काफी अच्छे आए थे।
सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश में फिलहाल 29 में से 28 सीटों पर भाजपा के सांसद थे। जबकि छिंदवाड़ा अकेली ऐसी सीट थी, जिस पर कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ चुनाव जीते थे। अब भाजपा छिंदवाड़ा के साथ ही उन 7 सीटों पर भी फोकस कर रही है, जो हाल ही में खाली हुई है। कुल मिलाकर इस बार मध्यप्रदेश की 29 सीटों में से 15 सीटों पर नए नाम चौंका सकते हैं।
प्रज्ञा ठाकुर की जगह नरोत्तम मिश्रा
सूत्रों के मुताबिक भाजपा लोकसभा चुनाव में भी चौंकाने वाले नाम ला सकती है। दतिया विधानसभा से कम अंतर से चुनाव हारे पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। यह भी हैरान करने वाली बात हो सकती है कि यदि नरोत्तम को भोपाल संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा जाए। राजनीतिक गलियारों में नरोत्तम को ऐसा ही एक चेहरा माना जा रहा है, जो हिन्दुत्व की छवि वाला है और ब्राह्मण चेहरा भी है। दूसरी तरफ भोपाल की वर्तमान सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर से आलाकमान नाराज है। पिछले चुनाव के दौरान भी अपने बयानों से भाजपा की किरकिरी करवा चुकी प्रज्ञा ठाकुर को इस बार किनारे किया जा सकता है।
भिंड से लाल सिंह आर्य
इधर, भिंड लोकसभा सीट से संध्या राय का टिकट इस बार कट सकता है। उनके स्थान पर लाल सिंह आर्य को मैदान में उतारा जा सकता है।
इनका कटेगा टिकट
इस बार भाजपा आलाकमान हाल ही में विधानसभा चुनाव हार चुके नेताओं को लोकसभा में नहीं अजमाएगा। इसलिए केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सांसद गणेश सिंह को दोबारा लोकसभा में चांस कम ही लगता है। गौरतलब है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था और इनमें से दो सांसद विधानसभा का चुनाव हार गए थे। रीति पाठक, राव उदय प्रताप सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह विधानसभा का चुनाव जीत गए थे। जबकि फग्गन और गणेश सिंह चुनाव हार गए थे। अब इन सांसदों की छोड़ी हुई सीटों पर नए चेहरे उतारे जाने की चर्चाएं हैं।
राज्यसभा सांसद भी लड़ सकते हैं चुनाव
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इस बार भाजपा राज्यसभा सांसदों को भी लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। इनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एक चेहरा हो सकते हैं। इधर, ऐसे भी नेताओं को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है जिन्हें हाल ही में विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया गया था। या किसी नेता ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इनमें पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी हो सकती हैं।
अप्रैल-मई में होंगे चुनाव
लोकसभा चुनाव 2024 यानी आम चुनाव अप्रैल से लेकर मई के बीच आयोजित किए जा सकते हैं। इसके लिए चुनाव आयोग ने अभी से तैयारी तेज कर दी है। नए मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने का भी अभियान चल रहा है। फाइनल वोटर लिस्ट जारी होने वाली है। देशभर में होने वाले इस चुनाव को तीन-से चार चरणों में आयोजित किया जा सकता है