मर्यादा बनाए रखना सदन की जिम्मेदारी
सदन की कम होती बैठकों पर चिंता व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि सदन की जितनी ज्यादा बैठकें होंगी, सरकार में उतनी पारदर्शिता आएगी। यह सदस्यों की जिमेदारी है कि वे सदन में मौजूद रहें, चर्चा में हिस्सा लें। सदन में सार्थक चर्चा होगी तो कानून भी बेहतर बनेंगे। यदि प्रस्तावित विधेयक में कोई कमी नजर आती है तो सदस्य इसे इंगित करें। कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा में बिरला ने कहा कि सदन की कुछ मर्यादा होती है, इस मर्यादा का ध्यान सदस्यों को रखना चाहिए। कोई भी स्पीकर नहीं चाहेगा कि उसकी अध्यक्षता वाले सदन में सदस्यों का निलंबन हो। विधान परिषद को राज्य के अधिकार क्षेत्र का मामला बताया।
जनता को आपसे उम्मीदें, सलीके से रखें बात
मतदाताओं ने आप लोगों को बड़ी उम्मीदों, अपेक्षाओं के साथ चुनकर भेजा है। सदन में आप क्षेत्र की बात उठाएं। अधिक से अधिक चर्चा में भाग लें। जरूरी नहीं चिल्लाकर बात कहें। सलीके से भी बात कह सकते हैं। सदन की नियम प्रक्रिया है। बात रखते हुए सदस्यों को नियम प्रक्रिया का ध्यान रखना भी जरूरी है। ये नसीहतें मंगलवार को विधानसभा में शुरू हुए दो दिनी प्रबोधन कार्यक्रम में विधायकों को दी गई। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित अन्य विशेषज्ञ मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विधायकों को संसदीय नियमप्र िकया, संचालन सहित सदन की जानकारी दी गई।
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर ने कहा, विधायक को सदन में अपनी बात प्रक्रिया के तहत रखना चाहिए। बोलने के कई ह्रश्वलेटफॉर्म हैं। वे इसका प्रयोग कम करते हैं। कई बार एक प्रश्न पर अड़ जाते हैं, बिना नियम बोलना चाहते हैं तो दिक्कत होती है। इसलिए प्रशिक्षण जरूरी है। बोले-व्यवस्था में सबसे छोटा कर्मचारी चपरासी व सबसे बड़ा आइएएस है। कहा जाता है, आइएएस सभी विधाओं में पारंगत है, पर साल दो साल में रिफ्रेशमेंट के लिए जाना पड़ता है। विधायक बनने के लिए किसी परीक्षा की जरूरत नहीं, लेकिन दायित्व निर्वहन के लिए प्रशिक्षण अहम है
सदन में बात रखने के कई प्लेटफार्म
सभी को लाभ: सीएम सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, विधायकों पर विधानसभा के दायित्व, क्षेत्र-प्रदेश का जिम्मा है। यह सत्र सबके लिए लाभपद्र होगा। विस अध्यक्ष तोमर ने सीएम से विधानसभा में ई-विधान व्यवस्था की मांग की। सीएम ने भरोसा दिया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने सदन की कम होती बैठकों पर चिंता जताई। बोले-अधिक बैठकें हों। कहा, सदन में सरकार सवालों के जवाब समय पर नहीं देती। यह चिंतनीय है। कई बार अफसर मनमर्जी से जवाब देते हैं।