एमपी में इंदौर लोकसभा Indore Lok Sabha सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया। कांग्रेसी उम्मीदवार ने पहले चुनावी मैदान छोड़ा और बाद में कांग्रेस भी छोड़ दी। अक्षय कांति बम अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा नाम वापस लेने के साथ ही इंदौर में कांग्रेस की चुनौती खत्म हो गई। यहां कांग्रेस के डमी उम्मीदवार मोती सिंह पटेल का नामांकन पहले ही निरस्त हो चुका है।
इंदौर लोकसभा सीट Indore Lok Sabha Election 2024 से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला के साथ निर्वाचन कार्यालय जाकर नामांकन वापस लिया। बम के नामांकन वापस लेने के साथ ही इंदौर में भी सूरत जैसा बड़ा खेला हो गया। बताया जा रहा है कि अक्षय कांति बम पर पुराने मामलों का दबाव था। इसके बावजूद वे कांग्रेस से बगावत के मूड में नहीं थे लेकिन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला ने आखिरकार उन्हें मना लिया।
कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी की राह आसान हो गई है। इंदौर के जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने इस बात की पुष्टि कर दी कि कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है।
लोकसभा के लिए इंदौर से कांग्रेस की चुनौती खत्म होने के बाद जहां कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा पसर गया वहीं अक्षय कांति बम बीजेपी कार्यालय पहुंच गए। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में अक्षय बम ने बीजेपी का दामन थाम लिया। उनके साथ इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे राजा मांधवानी ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस संबंध में अपने एक्स हेंडल पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि अक्षय बम का बीजेपी में स्वागत है। राज्य के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि अक्षय कांति बम का बीजेपी में स्वागत है।
पुराने मामले से दबाव में आ गए अक्षय कांति
नामांकन वापस लिए जाने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि कांग्रेस के नेता—कार्यकर्ता उन्हें जरा भी सपोर्ट नहीं कर रहे थे। नामांकन जमा करने के बाद से ही मेरा विरोध किया जा रहा था। हालांकि हकीकत कुछ और ही है। दरअसल फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस प्रत्याशी पर विरोधी दल ने जबर्दस्त दबाव बनाना शुरु कर दिया था।
बताया जा रहा है कि उनकी शिक्षण संस्थाओं पर लोकसभा चुनाव के बाद कार्रवाई करने की खुली चेतावनी दे दी गई थी। इसके साथ ही कोर्ट में चल रहे एक पुराने मामले को लेकर भी अक्षय बम दबाव में थे। इसके बाद भी वे कांग्रेस से बगावत से डर रहे थे।