patrika.com पर महाशिवरात्रि के मौके पर आप भी घर बैठे बाबा महाकाल और ओंकारेश्वर महादेव के लाइव दर्शन कर सकते हैं…।
mahakaleshwar darshan – उज्जैन के महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर भस्म आरती में भी भीड़ उमड़ी। यही सिलसिला सुबह से ही जारी है। महाकाल लोक से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया है। धीरे-धीरे भक्तों की कतार आगे बढ़ रही है। बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए सभी श्रद्धालुओं को करीब तीन से पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। पैदल चलने के लिए बड़े-बड़े कमरे बनाए गए हैं, जिसमें से श्रद्धालु रैलिंग में धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग होने के कारण महाकाल का विशेष महत्व भी है। यदि आप भी उज्जैन के महाकाल मंदिर दर्शन करने नहीं जा पाएं हैं तो घर बैठे दर्शन कीजिए। नीचे दी गई लिंक पर आप भी अपने मोबाइल पर लाइव दर्शन कर सकते हैं।
Live Darshan
Shree Mahakaleshwar Mandir
darshan booking
omkareshwar darshan – खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में भी सुबह से ही भक्तों की कतारें लगी है। नर्मदा के तट पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने दूर-दूर से भक्त आए हैं। यही सिलसिला दिनभर चलता रहेगा। क्योंकि कई श्रद्धालु ओंकारेश्वर के बाद महाकाल दर्शन करने जाते हैं और कई श्रद्धालु महाकाल दर्शन के बाद ओंकारेश्वर जरूर आते हैं। आप भी भीड़ के कारण ओंकारेश्वर दर्शन करने नहीं जा पाएं हैं तो नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके घर बैठे लाइव दर्शन कर सकते हैं। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का फूल और बिल पत्र से श्रृंगार किया गया है। ओंकार महाराज के दर्शन करने से सुबह की आरती के वक्त पट खोले गए थे। इसके बाद सुबह 6 बजे से गर्भगृह में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला चल रहा है।
Shri Omkareshwar Jyotirling
https://shriomkareshwar.org/HLiveDarshan.aspx
इधर, भोपाल के पास स्थित भोजपुर मंदिर में भी जन सैलाब उमड़ पड़ा। यहां हर साल एक ही दिन में करीब 50 हजार लोग दर्शन करने आते हैं। रायसेन जिले में स्थित भोजेश्वर मंदिर मध्य भारत का सोमनाथ कहा जाता है। शुक्रवार सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। यहां हर साल शिवरात्रि के मौके पर मेला भी लगाया जाता है।
नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में स्थित जटाशंकर धाम और चौरागढ़ धाम पर भी भक्तों की भीड़ सुबह से उमड़ पड़ी। इस स्थान पर महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। जटाशंकर धाम के बारे में बताया जाता है कि भस्मासुर से बचने के लिए शिवजी ने यहीं शरण ली थी।