लघु कथाकार और कृति के लेखक ओम नीरव ने कहा कि जो बात हम छंद विधा के माध्यम से नहीं कह पाते, उसे हम पूरे प्रभाव और प्रखरता के साथ एक छोटी सी लघुकथा के माध्यम से कह सकते हैं। इस मौके पर ओम नीरव को साहित्य साधना सम्मान से विभूषित किया गया। साहित्यकार गोकुल सोनी ने कहा कि साहित्य संस्कृति को साथ लेकर चलता है। जीवन मूल्यों का स्पंदन साहित्य का प्राण होता है। ओम नीरव की लघुकथाओं में सत्य और कल्पना का अद्भुत सम्मिश्रण है। उनमें गहरे अन्वेषण का मनोविज्ञान भी परिलक्षित होता है, अत: वे समाजोपयोगी हैं। वरिष्ठ साहित्यकार युगेश शर्मा ने कहा कि संग्रह की लघुकथाओं में आज की समाज व्यवस्था को गहराई से रखा गया है और लेखक ने भविष्य के समाज की रचना के लिए दिशाएं बताई हैं।