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मध्यप्रदेश में ऑनलाइन बिकेगी शराब, विभाग ने आबकारी मंत्री के पास भेजा प्रस्ताव

नई आबकारी नीति 2020-21 का ड्राफ्ट तैयार, फरवरी में नई नीति को मंजूरी मिलने के आसार..

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भोपाल. मध्यप्रदेश में एक तरफ जहां शराबबंदी की मांग उठ रही है और पूर्व सीएम व बीजेपी की दिग्गज नेता उमा भारती खुद शराबबंदी की मांग कर चुकी हैं वहीं दूसरी तरफ ऑनलाइन शराब बिक्री की तैयारी की जा रही है। सरकार जल्द ही नई आबकारी नीति 2020-21 लेकर आ रही है जिसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। नई आबकारी नीति में एक प्रस्ताव शराब की ऑनलाइन बिक्री का भी है। संभावनाएं हैं कि मार्च में होने वाली शराब दुकानों की नीलामी से पहले फरवरी महीने में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी जाएगी।

नई आबकारी नीति का ड्राफ्ट तैयार
आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में नई आबकारी नीति तैयार की गई है। तैयार ड्राफ्ट को अब आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के पास भी भेज दिया गया है और आबकारी मंत्री की मंजूरी के बाद इसे सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास भेजा जाएगा। सीएम की मंजूरी मिलते ही नई आबकारी नीति को लागू कर दिया जाएगा। क्योंकि मार्च के महीने में प्रदेश में शराब की दुकानों की नीलामी होती है इसलिए संभावना है कि फरवरी के महीने में ही नई आबकारी नीति 2020-21 को मंजूरी मिल जाएगी।

नई आबकारी नीति के मुख्य बिंदु-
- बड़े ठेकेदारों के समूह की मोनोपोली को खत्म किया जाएगा।
- दूसरे राज्यों से होने वाली अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए एमआरपी और एमएसपी के बीच के अंतर को कम किया जाएगा।
- अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया जाएगा।
- अवैध शराब बनाने वालों को 10 साल से उम्रकैद तक की सजा और जहरीली शराब से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर शराब बनाने वाले को मौत तक उम्रकैद का प्रावधान किया जाएगा।
- प्रदेश की लाइसेंसी दुकानों पर 90 से 120 मिलीलीटर तक के पैकेट में शराब उपलब्ध कराई जाएगी। इनके अलावा भी नई आबकारी नीति में कई अहम प्रस्ताव रखे गए हैं।

उमा भारती ने उठाई है शराब बंदी की मांग
बता दें कि बीते दिनों प्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत के बाद मध्यप्रदेश में एक बार फिर शराबबंदी की मांग ने जोर पकड़ा है। पूर्व सीएम और बीजेपी की दिग्गज नेता उमा भारती ने खुद प्रदेश में शराबबंदी की सिफारिश करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मांग की है कि भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी की तैयारी की जानी चाहिए। इतना ही नहीं उमा भारती ने ये तक कहा है कि शराबबंदी के कारण होने वाले राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए भी सुझाव दे सकती हैं।

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