दरअसल, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली मीटर रीडिंग को सटीक करने इसकी चार स्तरीय मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू की है। इसमें खपत के आधार पर जिम्मेदारी तय की है। संबंधित क्षेत्र के जूनियर इंजीनियर से लेकर कंपनी के प्रबंध निदेशक तक को इसका हिस्सा बनाया गया है। इतना ही नहीं मीटर रीडर से लेकर सहायक प्रबंधक, उपमहाप्रबंधक से लेकर महाप्रबंधक तक को टार्गेट तय कर बिल जांचने का जिम्मा दिया गया है। उपमहाप्रबंधक को हर माह पंद्रह बिल जांचने होंगे। इसका बिजली मीटर की रीडिंग के फोटो से मिलान करना होगा।
यदि मीटर की गलती से अधिक बिल को लेकर भी मॉनिटरिंग व जांच की विशेष सुविधा हो तो उपभोक्ता को पूरी राहत मिल जाएगी। हाल में कोलार क्षेत्र निवासी शैलेष मिश्रा के मीटर में तकनीकी दिक्कत से रीडिंग एक माह में ही 6148 यूनिट हो गई। उनका मीटर लैब में जांच के लिए भेजना पड़ा। इस स्थिति में राहत देने नई योजना में कोई प्रावधान नहीं है।
बता दें कि भोपाल समेत प्रदेशभर में 80 फीसदी शिकायतें मीटर रीडिंग से जुड़ी हुई है। भोपाल में ही हर माह 8000 के करीब शिकायतें रीडिंग से जुड़ी हुई है। इस मामले में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने खुद उपभोक्ताओं के परिसरों में जाकर अधिक रीडिंग की शिकायतों की तस्दीक कर उनका निपटान कराया। भोपाल के भीमनगर, अर्जुन नगर, पंचशील नगर में खुद मंत्री पहुंचे थे। इस नई व्यवस्था से यही सुनिश्चित किया जा रह है कि रीडिंग से जुड़ी दिक्कतें दूर हो।
उपभोक्ता व शिकायतों का हाल
– 5.50 लाख बिजली उपभोक्ता भोपाल में
– 1.20 करोड़ बिजली उपभोक्ता प्रदेश में
– 8000 से अधिक बिजली बिल संबंधी शिकायतें भोपाल में हर मा
-10 गुना अधिक बिजली खपत पर एमडी करेंगे मीटर की जांच
-300 से अधिक मीटर रीडर अभी कर रहे मीटर रीडिंग
-02 कंपनियां बिजली बिल बनाने के काम पर लगी हुई हैं अभी
– 80 फीसदी शिकायतें मीटर रीडिंग बिलिंग से जुड़ी हुई।
ऐसे होगी मॉनिटरिंग व्यवस्था
मीटर रीडिंग के दौरान मीटर में रीडिंग का फोटो खींचकर बिल के साथ अपलोड करना है। पहले स्तर पर मीटर रीडर को ही रेंडमली बिल मिलेंगे और वह उन्हें देखेगा। बिल भोपाल से बाहर अन्य किसी शहर का भी हो सकता है। जूनियर इंजीनियर, असि. इंजीनियर, डिविजनल इंजीनियर को हर माह रेंडमली 15-15 बिल जांचने होंगे। वे इन्हें इमेज के आधार पर वेरिफाई करेंगे।
खराब प्रदर्शन वाले तीन मीटर रीडर हर माह निकाले जाएंगे
मीटर रीडिंग सटीक हो इसके लिए मीटर रीडर पर भी नकेल कसी जा रही है। इसके तहत शहर संभाग के उप महाप्रबंधक को अपने क्षेत्र के तीन मीटर रीडर निकालने होंगे, जिनका प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। इन्हें बाद में चेतावनी दी जाएगी, ताकि प्रदर्शन में सुधार हो।
यह भी पढ़ें : प्रदेश की टॉप मंडियों में देखें क्या है गेहूं-चना सहित सभी अनाज के दाम
बिजली मीटर रीडिंग बिलिंग की समस्या दूर करने चार स्तरीय मॉनिटरिंग- वेरिफिकेशन किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को सटिक बिल मिले, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एमडी तक वेरिफिकेशन करेंगे।
– अभिषेक मार्तंड, प्रभारी इंजीनियर मीटर रीडिंग बिलिंग