भोपाल। राजधानी आज भी अपनी गंगा-जमुना तहजीब को सहेजे हुए है। यहां जितनी मस्जिद हैं उतने ही मंदिर और गुरूद्वारे भी। ऐसा ही एक खूबसूरत और श्रृद्धा का केन्द्र है भोपाल का लक्ष्मीनारायण मंदिर। जिसे बिरला मंदिर भी कहा जाता है।
लक्ष्मीनारायण मंदिर की स्थापना 1960 में देश के प्रमुख औद्योगिक बिड़ला परिवार द्वारा की गई थी। शहर की ऊँची पहाडिय़ों में से एक अरेरा पहाड़ी पर विधान सभा भवन मार्ग पर स्थित इस मंदिर के प्रति लोगों में बड़ी श्रृद्धा है। भगवान लक्ष्मी नारायण की खूबसूरत मूरत का रोजाना नए तरीके से श्रृंगार किया जाता है।
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लक्ष्मीनारायण मंदिर के बाहर प्रवेश द्वार के दोनों तरफ संगमरमर से बने मंदिरों में शिव और हनुमान की प्रतिमाएं प्रतिष्ठापित है। लक्ष्मीनारायण मंदिर में प्रवेश हेतु अर्धमंडप, महामण्डप, परिक्रमापथ तथा गर्भगृह है। मंडप, महामंडप और परिक्रमापथ की दीवारों पर वेद, गीता, रामायण, महाभारत और पुराण आदि के श्लोक लिखे हुऐ है। यहां प्रदेश के रायसेन, सिहोर, मंदसौर और सहदोल आदि जगहों से लाई गईं मूर्तियाँ रखी गईं हैं।
Hindi News / Bhopal / यहां रोजाना बदला जाता है भगवान का श्रृंगार, देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग