भोपाल

शीफूजी… यानि महाकाल के पैरों में जन्मा उनका रौद्र रूप

पत्रिका प्लस से हुई बातचीत में अपने नाम को लेकर ये बोले ग्रेंडमास्टर शीफूजी शौर्य भारद्वाज…

भोपालMar 12, 2019 / 12:28 pm

दीपेश तिवारी

शीफूजी… यानि महाकाल के पैरों में जन्मा उनका रौद्र रूप

भोपाल@विकास वर्मा की रिपोर्ट…

सबसे पहले एक सामान्य भारतीय, एक देशभक्त, एक स्वाभिमानी भारतीय और भारत मां का सामान्य सा बेटा यह है मेरा परिचय…. देश में इकलौते ऐसे शख्स जिसके आधार कार्ड पर ग्रेंडमास्टर लिखा है, जो सिग्नेचर में अपने नाम की जगह ‘इंकलाब जिंदाबाद’ लिखते हैं, उस शख्स ग्रांडमास्टर शीफूजी शौर्य भारद्वाज का नाता जबलपुर से है, लेकिन वे खुद को भारत राष्ट्र का नागरिक कहना पसंद करते हैं।

एक कार्यक्रम के सिलसिल में भोपाल आए शीफूजी पत्रिका ऑफिस भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विशेष बातचीत की। शीफूजी ने कहा कि ग्रेंडमास्टर शीफूजी कई लोगों को एक चायनीज नाम लगता है, मैं उन लोगों को बता दूं कि मैं सच्चा भारतीय हूं जो अपने देश से मोहब्बत करता है तो चायनीज नाम रखने का सवाल ही नहीं उठता।

यह हिंदी के तीने शब्दों से मिलकर बना है- शीह, फूह, जीह। शीह का मतलब जहां से महाकाल की उत्पत्ति हुई, फूह का मतलब है पादुकाएं, जीह का मतलब है रेतस बीज। यानि महाकाल के पैरों में पैदा हुआ उनका रौद्र रूप है शीफूजी।

शौर्य नाम राशि का है और भारद्वाज गोत्र है। संविधान ने मुझे अधिकार दिया है लिहाजा मैंने पूरी प्रक्रिया से अपना नाम बदला है। शिफूजी ने बताया कि मैं भारत का इकलौता ऐसा शख्स हूँ जिसके आधार कार्ड पर ग्रांडमास्टर लिखा है।

शिफूजी मेरा ट्रेडमार्क और एक ‘ब्रांड’ है। भारत में शिफूजी नाम यूज करने के लिए केवल मैं अधिकृत हूं। इसके अलावा मैं जो लोगो इस्तेमाल करता हूं उसका भी मेरे पास ट्रेडमार्क है।

देश में हर युवा के लिए अनिवार्य हो मिलिट्री ट्रेनिंग
‘मिशन प्रहार’ के माध्यम से अब तक करीब 40 लाख से अधिक बच्चियों को सरवाईवैल टैक्टिक्स और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुके शीफूजी बताते हैं कि यह एक तरह का सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम है। इसमें उन्हें विषम परिस्थितियों में कैसे खुद को बचाएं इस बारे में सिखाया जाता है। शीफूजी कहते हैं कि मेरा सपना है कि भारत में हर युवा के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य होनी चाहिए।


भारत के क्रांतिकारी और सिपाही का फैन हूं
शीफूजी बतौर चीफ एक्शन डिजाइनर और चीफ एक्शन कोरियोग्राफर कई बड़ी ऐक्शन फिल्मों में अपनी गाइडेन्स दे चुके हैं। वे कहते हैं कि न मैं किसी हीरो का फैन हूं और न किसी फिल्म का… मैं तो बस भारत के क्रांतिकारियों का और भारत के हर एक सिपाही का फैन हूं।

हर सुबह मेरे सिर पर चढ़ता है इंकलाब का नशा
ड्रेस पर, हाथ पर और सिग्नेचर के दौरान ‘इंकलाब जिंदाबाद’ लिखने वाले शीफूजी ने कहा कि मुझे एक आशिक ने बताया था कि जिसे सच्ची मोहब्बत होती है वो महबूब के घर के बाहर सुबह से रात तक खड़ा रहता है।
यहां तो मेरी मां ही महबूबा है इससे पाक मोहब्बत क्या होगी? मुझमें इंकलाब का नशा है जो हर सुबह मेरे सिर पर चढ़ता है। जब मैं बार-बार अपना सिग्नेचर करता हूं तो मुझमें स्वाभिमान आता है कि और हर सुबह ब्रश करते वक्त और शेविंग के दौरान हाथ में लिखा इंकलाब जिंदाबाद मुझे मेरी जिम्मेदारी का अहसास दिलाता है।
कमांडो ट्रेनिंग के लिए कभी नहीं लेता पैसे
शीफूजी चीफ कमांडोज मेंटर हैं और भारत के पहले व एक मात्र कमांडो ट्रेनर के तौर पर सेना और कई राज्यों की स्पेशल आम्र्ड फोर्सेज को ट्रेनिंग दे चुके हैं। वे मप्र समेत कई अन्य राज्यों की स्पेशल आम्र्ड फोर्स को शीफूजी ने अलग-अलग टैक्टिक्स से दुश्मन से निपटने के गुर सिखाए हैं।
अब तक वे लीथल एलीट स्पेशल फोर्सेज, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, स्पेशल एक्शन ग्रुप, स्पेशलाइज्ड एलीट प्रोटेक्शन यूनिट , नेशनल सिक्यूरिटी गाड्र्स , जेड प्लस सिक्योरिटी महाराष्ट्र, स्पेशल प्रटेक्शन यूनिट , इंडियन नेवी मरीन कमांडो, हॉक कमांडो और ब्लैक कैट कमांडोज को बतौर चीफ कमांडोज मेंटर अपनी सेवाएं दी हैं शीफूजी बताते हैं कि इस काम के लिए मैंने कभी भी पैसे नहीं लिए।

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