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2520 मेगावॉट संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट
300 ओंकारेश्वर सौर ऊर्जा प्लांट
520 ओंकारेश्वर हाइड्रो पावर प्लांट
1000 नर्मदानगर हाइड्रो पावर ह्रश्वलांट
मध्यप्रदेश में एशिया का सबसे बड़ा तैरता सोलर प्लांट नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध क्षेत्र में है, यह विश्वस्तर का तैरता सोलर एनर्जी प्लांट (floating solar energy plant) है। इस प्लांट से 2022-23 तक कुल 600 मेगावाट ऊर्जा प्रदेश को मिलेगी। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है। सोलर पार्क बन जाने से मध्यप्रदेश में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी।
परियोजना ओंकारेश्वर बांध के बैक वॉटर में आकार ले चुकी है। इसके लिए 2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन किया जाएगा। पैनल पानी की सतह पर तैरते रहेंगे, जल स्तर उपर नीचे होने पर स्वत ही संतुलित होंगे। इन पर तेज लहरों और बाढ़ का भी प्रभाव नहीं होगा। यहां से उत्पादित बिजली मप्र पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन लिमि. के छैगांवमाखन स्थित पॉवर ग्रिड सब स्टेशन पर पहुंचेगी, जहां से इसका वितरण किया जाएा। सब स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रूट का सर्वे कार्य भी पूरा हो चुका है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना में 400 मेगावॉट बिजली लेने की सहमति भी बन चुकी है।
4040 मेगावॉट बिजली उपत्पादन के साथ पहले से ही खंडवा जिला प्रदेश का पॉवर हब बन चुका है। यहां पन बिजली परियोजनाओं में ओंकारेश्वर बांध से 520, इंदिरा सागर परियोजना से एक हजार मेगावॉट बिजली बन रही है। वहीं, सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट भी 2520 मेगावॉट क्षमता वाला है। अब सोलर प्लांट लगने से 600 मेगावॉट बिजली की है।
4 अगस्त 2022 को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हाल में 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना के अनुबंध पर हस्ताक्षर और ऊर्जा सारक्षता अभियान की ऊर्जा आकलन मार्गदर्शिका का विमोजन हुआ था।