खड़ाऊं से मिली थी जीत
लालजी टंडन ने एक बार बताया था कि अटल बिहारी वाजपेयी के सन्यास लेने के बाद 2009 में लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन को लखनऊ से भाजपा ने टिकट दिया था। टिकट मिलने के बाद लालजी टंडन से अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की और फिर चुनाव प्रचार में जुट गए। पूरे चुनाव प्रचार में उन्होंने जनता के बीच यही कहा था कि मैं आशीर्वाद के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी की खड़ाऊं लेकर आया हूं। इस दौरान उन्होंने पूरे लखनऊ में अटल जी की लड़ाऊं लेकर प्रचार किया था और चुनाव जीत गए थे।
शहर में लगाई गई थी अटल जी की चिट्ठी
2009 के लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन लखनऊ से बीजेपी के प्रत्याशी थे। चुनाव के समय अटलजी काफी अस्वस्थ थे। प्रचार के लिए लखनऊ नहीं आ सकते थे। लिहाजा उन्होंने लखनऊ वालों के लिए एक मार्मिक पत्र लिखा। अटल ने इस पत्र में लालजी टंडन को चुनाव जिताने की अपील की थी। बीजेपी ने इस पत्र को पंपलेट बनाकर पूरे शहर में बंटवाया।
2009 के लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन लखनऊ से बीजेपी के प्रत्याशी थे। चुनाव के समय अटलजी काफी अस्वस्थ थे। प्रचार के लिए लखनऊ नहीं आ सकते थे। लिहाजा उन्होंने लखनऊ वालों के लिए एक मार्मिक पत्र लिखा। अटल ने इस पत्र में लालजी टंडन को चुनाव जिताने की अपील की थी। बीजेपी ने इस पत्र को पंपलेट बनाकर पूरे शहर में बंटवाया।
कौन हैं लालजी टंडन?
लालजी टंडन भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निकट सहयोगी रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन को लखनऊ से टिकट नहीं दिया गया। उनकी जगह राजनाथ सिंह चुनाव लड़े। लालजी टंडन मायावती और कल्याण सिंह की कैबिनेट में भी मंत्री थे। वे 1978 से 1984 तक और 1990 से 1996 तक यूपी विधान परिषद के नेता रहे।
लालजी टंडन भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निकट सहयोगी रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन को लखनऊ से टिकट नहीं दिया गया। उनकी जगह राजनाथ सिंह चुनाव लड़े। लालजी टंडन मायावती और कल्याण सिंह की कैबिनेट में भी मंत्री थे। वे 1978 से 1984 तक और 1990 से 1996 तक यूपी विधान परिषद के नेता रहे।