बता दें कि मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना के तहत प्रदेश की लाडली बेटियों को कक्षा छठवीं, कक्षा नौवीं, कक्षा 11वीं एवं कक्षा 12वीं में छात्रवृत्ति देने के साथ ही स्नातक प्रथम और अंतिम वर्ष में प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। अब तक लगभग 29 लाख से ज्यादा बालिकाओं को 813.64 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति स्वीकृत की जा चुकी है।
ये राशि जिलों के द्वारा आहरित कर सम्बंधित बालिका के खाते में भेजी जाती थी। लेकिन इस पूरे प्रोसेस में जहां लंबा समय लगता था, वहीं पात्र लाडली बेटियों को राशि के बारे में कोई सूचना भी नहीं मिल पाती थी। लेकिन अब UNIPAY के माध्यम से भुगतान प्रक्रिया प्रभावी और पारदर्शी हो गई है।
मैन्युअल हस्तक्षेप नहीं
विभाग लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों को यूनिपे पेमेंट पोर्टल के माध्यम से सहायता राशि का हस्तांतरण करता है। इसके लिए प्रत्येक हितग्राही का बैंक खाता आधार लिंक एवं डीबीटी इनबिल्ड होना चाहिए, इसके पोर्टल का संचालन एमपीएसईडीसी द्वारा किया जा रहा है। इसमें कोई मैन्युअल हस्तक्षेप नहीं है। एमपीएसईडीसी के पोर्टल पर पेमेंट आर्डर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी द्वारा जनरेट किया जाता है। पेमेंट ऑर्डर जनरेट होने के बाद एमपीएसईडीसी के UNIPAY पेमेंट पोर्टल से बैंकिंग पार्टनर को हितग्राही के आधार के रेफरेंस नंबर के साथ पेमेंट भेजा जाता है। इसके बाद बैंक यह पेमेंट आर्डर और NPCI को भेजता है NPCI इसे हितग्राही के सम्बंधित बैंक को भेजता है। –निर्मला भूरिया, महिला बाल विकास मंत्री
लाडली लक्ष्मी योजना एक वित्तीय सहायता योजना है। जो मध्य प्रदेश सरकार ने 2007 में शुरू की थी। प्रदेश की लाड़ली बेटियों के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत बेटियों को शिक्षा और शादी के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना को तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया था। वर्तमान में ये योजना देश के कई राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, गोवा और छत्तीसगढ़ में भी संचालित की जा रही है। 1 जनवरी 2006 के बाद जन्म लेने वाली सभी बालिकाओं को लाभान्वित करती है।
लाडली लक्ष्मी योजना क्या है
लाडली लक्ष्मी योजना एक वित्तीय सहायता योजना है। जो मध्य प्रदेश सरकार ने 2007 में शुरू की थी। प्रदेश की लाड़ली बेटियों के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत बेटियों को शिक्षा और शादी के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना को तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया था। वर्तमान में ये योजना देश के कई राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, गोवा और छत्तीसगढ़ में भी संचालित की जा रही है। 1 जनवरी 2006 के बाद जन्म लेने वाली सभी बालिकाओं को लाभान्वित करती है।
लाडली लक्ष्मी योजना का उद्देश्य
लाडली लक्ष्मी योजना का उद्देश्य बेटियों के स्कूली और शादी के खर्च में सहायता देना है।-यह योजना राज्यों को बेटियों के जन्म पर जश्न मनाने को प्रोत्साहित करती है।
- बेटियों की सेहत और शिक्षा की स्थिति में सुधार करना।
-जनसंख्या को नियंत्रित करना भी लाडली लक्ष्मी योजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। इस योजना के तहत सरकार परिवारों को प्रोत्साहित करना चाहती है कि लिंग की चिंता किए बिना अपने परिवार को दो बच्चों तक सीमित रखें। - ये योजना बेटियों को आत्मनिर्भर बनाती है और उनका भविष्य उज्जवल करती है।
- बालिका को उज्जवल भविष्य प्रदान करने और उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए।
- शिक्षा के खर्चों का ध्यान रखकर बाल विवाह को हतोत्साहित करना।
लाडली लक्ष्मी योजना के लिए कौन पात्र
-1 जनवरी 2006 को या उसके बाद जन्मीं सभी बेटियां इसकी पात्र
- जिन बेटियों का आंगनवाड़ी केंद्र में रजिस्ट्रेशन वही पात्र
- बेटी के माता-पिता मध्यप्रदेश के मूल निवासी हों
- इस योजना का लाभ उन्हीं परिवार की बेटियों को मिलेगा जिनके माता-पिता ने दो बच्चों के बाद परिवार नियोजन अपना लिया हो।
- पहली डिलिवरी में 3 बेटियों के जन्म के मामले में तीनों बेटियों को लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ मिलेगा।
- जेल में महिला कैदियों से जन्मीं बेटियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
- रेप पीड़िता से जन्मी बेटी भी इसका पात्र
लाडली लक्ष्मी योजना के लाभ
लाडली लक्ष्मी योजना से जुड़ने वाली बेटियों को मिलते हैं कई लाभ… इस योजना के तहत, बेटी को 1,18,000/- रुपए का आश्वासन प्रमाणपत्र प्राप्त होता है, जो सरकार द्वारा लड़की के नाम पर जारी किया जाता है। योजना के तहत कवर की गई बेटी को कक्षा 6 वीं में प्रवेश पर 2,000 रुपए की दिए जाते हैं।
योजना के तहत कवर की गई बेटी को कक्षा 9 वीं में प्रवेश पर 4,000 रुपए की दिए जाते हैं। योजना के तहत कवर की गई बेटी को कक्षा 11 वीं में प्रवेश पर 6,000 रुपए की दिए जाते हैं।
योजना के तहत कवर की गई बेटी को कक्षा 12 वीं में प्रवेश पर 6,000 रुपए दिए जाते हैं। लाडली लक्ष्मी योजना के तहत बेटियों को किसी भी स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के बाद पाठ्यक्रम के पहले और अंतिम वर्ष में 2 समान किस्तों में 25,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
उच्च शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस की सुविधा दी जाती है। 1 लाख रुपए का अंतिम भुगतान बालिका की 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर किया जाता है। ये भी पढ़ें: नये साल में एमपी के IPS अफसरों को मिला तोहफा, मोहन सरकार ने बढ़ाया वेतन, आदेश जारी